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Samastipur News:बच्चों के डेटा को त्रुटिमुक्त करके ई-शिक्षकोष पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश

डीईओ व डीपीओ योजना एवं लेखा को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए त्रुटिहीन छात्रों के डेटा को ई-शिक्षकोष पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है.

Samastipur News: समस्तीपुर : जिले के विभिन्न विद्यालयों में नामांकित बच्चों को लाभुक आधारित योजनाओं के तहत लाभ प्रदान करने के लिए डीईओ व डीपीओ योजना एवं लेखा को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए त्रुटिहीन छात्रों के डेटा को ई-शिक्षकोष पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है. बताते चलें कि विभागीय आंकड़े के मुताबिक 6362 बच्चों का डाटा पेंडिंग पड़ा है करेक्शन के लिये. समीक्षोपरान्त इसे गंभीरतापूर्वक लेते हुए शिक्षा विभाग के विशेष सचिव ने पत्र भेज कहा इसे लापरवाही, कर्तव्यहीनता और अनुशासनहीनता का प्रतीक बताया है. विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को लाभ प्रदान करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है, इसलिए पुराने डेटा को अपडेट करना आवश्यक है. बचे हुए बच्चों के डेटा को त्रुटिमुक्त करके ई-शिक्षकोष पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया. 5 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से फिर इस संबंध में समीक्षा की जायेगी. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि पात्र छात्रों को जल्द से जल्द योजनाओं का लाभ मिल सके और किसी भी तरह की देरी से बचा जा सके. विदित हो कि जिले के 2858 विद्यालयों में नामांकित 89211 बच्चों का डाटा करेक्शन के लिए दिया गया था. विदित हो कि जिले 8 लाख 16 हजार 142 नामांकित छात्र छात्राओं की जांच के बाद लाभुक आधारित योजना की राशि दी जायेगी.

खर्च का देना होगा शपथ पत्र

लाभुक आधारित योजनाओं की राशि वितरण के बाद अभिभावकों से शपथ पत्र लिया जायेगा. शिक्षा विभाग ने छात्रवृत्ति समेत अन्य योजनाओं को लेकर यह निर्देश दिया है. पोशाक, किशोरी स्वास्थ्य योजना, छात्रवृत्ति की राशि को अभिभावकों की ओर से अन्य जगहों पर खर्च करने का मामला सामने आया है. इसके बाद विभाग ने सख्ती की है. पोशाक की राशि मिलने के बाद भी स्कूलों में बड़ी संख्या में बच्चे बिना ड्रेस के ही आते हैं. यही नहीं, स्कूली बच्चियों को सैनिटरी नैपकिन खरीदने को लेकर विभाग की ओर से राशि दी जाती है, लेकिन स्कूल आने वाली बच्चियों से जब इस संबंध में पूछा गया तो मामला सामने आया कि संबंधित राशि घर के अन्य कामों में खर्च कर दी गई. निदेशक ने डीईओ को अपने-अपने क्षेत्र के सभी विद्यालयों में अभिभावक-शिक्षक (पीटीएम) बैठक का आयोजन कर लाभुक आधारित योजनाओं की प्रत्येक योजना के लिए अभिभावकों से शपथ पत्र लेना होगा. इस शपथ पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख रहेगा कि योजना के जिस प्रयोजन के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही है, उसी मद में राशि खर्च की जाएगी. इसके अलावा निदेशक ने स्कूलों द्वारा सभी योजना के लिए अलग-अलग पंजी का संधारण कराए जाने का भी निर्देश दिया है. जबकि इन पंजी में लाभुकों का पूरा ब्योरा लिखा जायेगा. साथ ही अभिभावक-शिक्षक-बैठक में अभिभावकों से पंजी व शपथ पत्र पर हस्ताक्षर लिया जायेगा स्कूलों में पंजी की उपलब्धता नहीं होने की सूरत में छात्र कोष की राशि से पंजी की खरीद कराए जाने को भी निदेशक ने कहा है.

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