छपरा. छपरा नगर निगम हर महीने सफाई पर लगभग दो करोड रुपये खर्च कर रहा है. लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि अभी भी कई मोहल्लों और गलियों में सफाई कर्मी नहीं पहुंच रहे हैं. कूड़े का अंबार लगा हुआ है, जलजमाव की समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है. लोग परेशान है. मानसून 15 जून के बाद कभी भी दस्तक दे सकता है ऐसे में सफाई के लिए लोग आंदोलन करने का मूड बना रहे हैं.
एजेंसी सफाई के नाम पर लेती है 60 लाख से एक करोड़
वर्तमान स्थिति में केवल सफाई एजेंसी सफाई के नाम पर हर महीने 60 लाख से एक करोड़ रुपये लेती है. यानी जितना बिल तैयार होता है उस हिसाब से भुगतान होता है. यह भुगतान 65 पैसे प्रति किलो कचरा के हिसाब से होता है. वैसे एजेंसी ने हर महीने फिक्स भुगतान डेढ़ करोड़ के आसपास रखा है. सफाई एजेंसी के अलावा नगर निगम अपने लगभग 100 कर्मियों और मानदेय के आधार पर बहाल 94 कर्मियों को अलग से भुगतान करता है ऐसे में हर महीने लगभग 2 करोड रुपए केवल सफाई पर खर्च होता है. बावजूद एजेंसी शहर वासियों को बेहतर सुविधा नहीं दे पा रहा है.
जमीनी स्तर पर सफाई नदारत
नगर निगम के द्वारा भले ही वार्डों को साफ-सुथरा रखने के लिए कितने भी प्रयास किए जा रहे हो, लेकिन इनका कोई भी असर जमीनी स्तर पर होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. नगर निगम द्वारा वार्डों की साफ-सफाई के लिए नियुक्त किए गए सफाई कर्मचारी वार्डों में नहीं पहुंच रहे हैं. स्वच्छ भारत अभियान के तहत नगर में नगर पालिका द्वारा नगर के सभी 45 वार्डों में सफाई अभियान जोर-शोर से शुरू किया गया था, लेकिन उसके बाद भी मोहल्लों के खाली प्लाटो और सड़कों किनारे कचरे के ढेर लगे हुए हैं.कई जगह चौक है नाले और नालियां
वहीं नाले-नालियां चौक होने से गली, मोहल्लों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम द्वारा सिर्फ कागजों में सफाई अभियान चलाया जा रहा है. जमीनी हकीकत में कुछ नहीं हो रहा है. वार्डों में गंदगी पसरी होने के कारण लोगों का घरों में बदबू के कारण बैठना मुश्किल हो रहा है. इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस ओर अनदेखी की जा रही है.लोग बोले-निगम में कमीशन खोरी अधिक, कैसे होगा काम
सफाई एजेंसी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती? यह तो सोने वाला बात है. सफाई एजेंसी के खिलाफ अधिकारी, महापौर, वार्ड पार्षद तक आवाज नहीं उठा रहे हैं. कुछ तो गंभीर बात है.शिव शंकर यादव, बरहमपुर यह तो विचारणीय प्रश्न है कि सफाई एजेंसी के द्वारा लगातार लापरवाही बढ़ती जा रही है लेकिन अधिकारी से लेकर प्रतिनिधि तक कोई एक लाइन नहीं बोल रहा है.
शकुंतला देवी, मासूमगंजशहर में जगह-जगह जल जमाव है. बैंक कॉलोनी भगवान बाजार इसका उदाहरण है. आखिर में सफाई एजेंसी सफाई क्यों नहीं करती है. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का सांठ गांठ इससे झलकता है.अमित कुमार, बैंककॉलोनी
शहर के किसी भी कोने में चल जाए, जल जमाव और कूड़ा का ढेर जरूर दिख जाएगा. हद तो तब हो गई जब हर वार्ड में 11_11 सफाई कर्मी दिए गए लेकिन कहीं कोई दिखता नहीं है.जितेंद्र महतो ,नगर पालिका चौक
क्या कहते हैं महापौरमेरे कार्यकाल में सफाई व्यवस्था काफी सुधरी है. कई बार एजेंसी की लापरवाही पर कार्रवाई हुई है. उनका पैसा काटा गया है. किसी भी नागरिक को कोई शिकायत है तो नगर निगम आकर बताएं जरूर कार्रवाई होगी.लक्ष्मी नारायण गुप्ता, महापौर
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