छपरा. जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 30 जून 2025 तक राशन कार्डधारियों का इ-केवाइसी कराना अनिवार्य किया गया था. इसके लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर बिहार सरकार ने अब तक सात बार तिथि बढ़ायी, ताकि सभी लाभुकों का इ-केवाइसी पूरा हो सके. इसके बावजूद अब भी 533056 राशन कार्डधारियों का इ-केवाइसी नहीं हो सका है. अब जिला आपूर्ति विभाग ने ऐसे कार्डधारियों के नाम राशन कार्ड से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
इ-केवाइसी कराने में पीछे रहे लाखों लाभुक
सारण जिले में कुल 26.23 लाख राशन कार्डधारी सदस्य हैं. इनमें से 20.90 लाख लाभुकों ने इ-केवाइसी करा लिया है, जबकि 5.33 लाख अब भी इससे वंचित हैं. इससे स्पष्ट है कि अब तक केवल 79.68% लाभुकों का ही इ-केवाइसी हो पाया है.फर्जी लाभुकों की पहचान के लिए शुरू हुई थी यह प्रक्रिया
केंद्र सरकार ने इ-केवाइसी की प्रक्रिया इसलिए शुरू की थी ताकि राशन कार्ड में हो रहे फर्जीवाड़े को रोका जा सके. माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में ऐसे कार्डधारी हैं जो या तो सारण जिले में नहीं रहते, मृत हो चुके हैं, या फिर फर्जी हैं. विभाग ने इन सभी मामलों की जांच शुरू कर दी है. सामान्य गणना के अनुसार, अगर हर लाभुक को पांच किलो अनाज मिलता है तो इ-केवाइसी नहीं कराने वाले 5.33 लाख लाभुकों के आधार पर 26.65 लाख किलो अनाज की हर महीने बचत हो सकती है, जो अब तक गलत तरीके से वितरित हो रहा था.डीलरों को भी दी गयी थी जिम्मेदारी, नेटवर्क ने बढ़ायी परेशानी
सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली डीलरों को भी इ-केवाइसी कराने की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन टू-जी इ-पॉश मशीनों और नेटवर्क की समस्याओं के कारण यह काम अपेक्षा के अनुरूप गति नहीं पकड़ सका. इससे काफी हद तक प्रक्रिया प्रभावित हुई.जिला आपूर्ति पदाधिकारी बोले
30 जून तक केवाईसी का डेट था लेकिन सारण में 533000 लोगों ने केवाईसी नहीं करवाया. सरकार यदि डेट नहीं बढ़ाती है तो यह अब रद्द हो जाएगा. आगे की कार्रवाई जारी है.मोहम्मद कमर आलम, जिला आपूर्तिपदाधिकारी, सारणसारण में इ-केवाइसी की स्थिति
कुल राशन कार्ड 6,45,737कुल लाभुक 26,23,700
इ-केवाइसी करवा चुके 20,90,644इ-केवाइसी नहीं करवाने वाले 5,33,056इ-केवाइसी पूरा होने का प्रतिशत 79.68%
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