छपरा. मिड डे मील योजना में लापरवाही और गुणवत्ता में कमी को लेकर मध्याह्न भोजन निदेशक, पटना द्वारा कड़ी कार्रवाई की गयी है. सारण जिले के मशरक और परसा प्रखंडों में कार्यरत दो संस्थाओं की सेवाएं रद्द कर दी गयी हैं. निदेशक के अनुसार भारत सरकार से प्राप्त निर्देश और थर्ड पार्टी मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया गया है. मध्याह्न भोजन निर्माण में लापरवाही बरतने के आरोप में जन चेतना जागृति एवं शैक्षणिक विकास मंच, बाल विकास सेवा संस्थान, उज्ज्वल सवेरा समिति, दयावती चैरिटेबल एंड एजुकेशनल ट्रस्ट और पूर्वाचल समाज सेवा संघ जैसी संस्थाओं के कई प्रखंडों में संचालित केंद्रीयकृत रसोईघरों को अवधि विस्तार नहीं दिया गया है. सारण जिले के मशरक और परसा प्रखंडों के साथ-साथ जमुई के चकाई, खगड़िया के खगड़िया, किशनगंज के बहादुरगंज और बक्सर के नावानगर शामिल हैं. इन क्षेत्रों में 31 जुलाई तक ही संबंधित संस्थाओं से मध्याह्न भोजन की आपूर्ति ली जायेगी. निदेशक द्वारा जारी निर्देश के अनुसार एक अप्रैल, 2025 से 30 जून तक की अवधि के लिए संस्थाओं को पूर्व की भांति भुगतान किया जायेगा, क्योंकि उस दौरान मध्याह्न भोजन की आपूर्ति निर्बाध रूप से की गयी थी. इसके बाद जब तक विद्यालय शिक्षा समिति आवश्यक व्यवस्था नहीं कर लेती, तब तक एक जुलाई से 31 जुलाई तक भोजन आपूर्ति इन्हीं संस्थाओं द्वारा की जायेगी ताकि संचालन में कोई व्यवधान न आये. एक अगस्त से मध्याह्न भोजन योजना का संचालन संबंधित विद्यालयों की विद्यालय शिक्षा समिति के माध्यम से किया जायेगा. 31 जुलाई के बाद शेष बचे चावल को विद्यालय के प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक को सौंप दिया जायेगा. निर्देशक ने यह भी स्पष्ट किया है कि निर्धारित अवधि तक संस्था की जिम्मेदारी होगी कि वह मानक के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण भोजन की आपूर्ति जारी रखे ताकि छात्रों को कोई असुविधा न हो.
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