छपरा. नगर पंचायत दिघवारा में वर्ष 2021 से जून 2025 तक सफाई कार्य व जैविक खाद निर्माण के लिए नियुक्त सफाई एजेंसियों पर बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है. यह आरोप स्थानीय पूर्व वार्ड सदस्य इंदल प्रसाद यादव ने लगाया है.
उन्होंने इस बाबत जिला पदाधिकारी सारण, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव सहित संबंधित विभागों को पत्र भेजकर मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. इंदल यादव ने अपने पत्र में कहा है कि सफाई कार्य के नाम पर प्रतिमाह 18 से 20 लाख रुपये का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन धरातल पर साफ-सफाई की स्थिति बेहद खराब है. आरोप है कि वर्ष 2021 से अब तक करोड़ों रुपये खर्च किये जा चुके हैं, फिर भी नगर पंचायत क्षेत्र में न तो नियमित सफाई हो रही है और न ही कूड़ा प्रबंधन की कोई ठोस व्यवस्था दिख रही है.बायो-कंपोस्ट मशीन बना शोपीस
पूर्व वार्ड सदस्य ने अपने पत्र में यह भी बताया कि महालेखाकार बिहार, पटना के प्राप्तांक 63, दिनांक 30 जून 2022 के अंकेक्षण रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि जैविक खाद निर्माण के लिए करीब 57 लाख रुपये की लागत से बायो-कंपोस्ट मशीन की खरीद की गयी, लेकिन वह मशीन आज तक उपयोग में नहीं लायी गयी है. मशीन अब अनुपयोगी होकर सिर्फ एक प्रतीक बनकर रह गयी है. इसी तरह स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत दिघवारा नगर पंचायत में 21 लाख रुपये की लागत से एक चलंत शौचालय खरीदा गया, जिसका आज तक कोई उपयोग नहीं हुआ. ग्रामीणों के अनुसार, वह शौचालय अब नगर पंचायत कार्यालय से दूर एक चवर (खाली मैदान) में लावारिस हालत में पड़ा हुआ है. यादव ने सभी दस्तावेजों के साथ अधिकारियों से मामले की जांच करवाने तथा दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है