छपरा. सारण के किसान अब परंपरागत खेती के बजाय ऐसी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं, जो कम समय में तैयार होकर अधिक मुनाफा दे सकती हैं. इसी कड़ी में इस बार जिले में पांच हजार एकड़ में बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती की जायेगी. यह दोनों ही मक्का की विशेष किस्में हैं, जिन्हें आधुनिक बाजार की मांग के अनुसार विकसित किया गया है. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत खरीफ, गरमा और रबी तीनों मौसम में इन फसलों की खेती की जायेगी. इनका उपयोग अचार, सलाद, सब्जी, पिज़्ज़ा, खीर आदि में बड़े पैमाने पर किया जाता है. किसान इस खेती को स्वरोजगार के रूप में अपनाकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सारण जिले की मिट्टी और जलवायु इन फसलों के लिए अत्यंत अनुकूल है. बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती के लिए विभिन्न प्रखंडों को चिह्नित किया गया है.
किसानों को मिलेगा 75 प्रतिशत तक अनुदान
सरकार द्वारा इन फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए बीज पर 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जायेगा. स्वीट कॉर्न के लिए प्रति एकड़ तीन किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी, जिस पर किसानों को प्रति किलोग्राम 2250 का अनुदान मिलेगा. वहीं बेबी कॉर्न के लिए प्रति एकड़ आठ किलोग्राम बीज की जरूरत होगी, जिस पर 750 प्रति किलोग्राम का अनुदान मिलेगा.कहां कितने एकड़ में लक्ष्य
मक्का की खेती के लिए प्रखंडवार एकड़ में लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. जानकारी के अनुसार सदर छपरा में 290 एकड़, माझी में 375, रिबेलगंज में 125, एकमां में 315, गढ़खा में 355, मकेर में 140, लहलादपुर में 145, बनियापुर में 380, जलालपुर में 230, नगरा में 145, परसा में 205, मढ़ौरा में 315, अमनौर में 280, ईसुआपुर में 205, मसरख में 255, पानापुर में 165, तरैया में 205, दिघवारा में 150, दरियापुर में 380 और सोनपुर में 340 एकड़ में मक्का की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है.
किसान खेती करके कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा
पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए बीज अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है. किसान स्वीट कॉर्न की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
एसबी सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, सारणडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है