भेल्दी . विवेक की खोज है सत्संग रामचरित मानस जिन्दगी जीने के तरीके सिखाते हैं. भगवान का नाम जीवन को धन्य कर देती है. बिना श्रद्धा के परमात्मा का दर्शन असंभव है. उक्त बातें सारण की सनातनी चित्राली ने अमनौर प्रखण्ड के मानपुर अरना कोठी में चल रहे नौ दिवसीय श्री रूद्र महायज्ञ के चौथे दिन श्रद्धालु श्रोताओं के बीच प्रवचन करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि हर घर में कथाएं होगीं तो आपके बच्चे सांस्कारिक होगें. ध्यान रहे मां-बाप व गुरू से बढ़कर इस संसार में कोई दूसरा नहीं है. इसलिए सभी बच्चे अपने मां-बाप व गुरू का सदैव सम्मान करें. उन्होनें आगे कहा कि प्रभु श्रीराम अगर ज्ञान है तो सीता शक्ति स्वरूपा हैं. भगवान के द्वारा रचित माया प्रकृति है. महान पुण्य संचित होने पर मानव जीवन प्राप्त होता है. मानव जीवन मिलने पर मानव का होना,मोक्ष की इच्छा जागना और महापुरुषों का सत्संग मिलना काफी दुर्लभ है. शांति ढूंढने के लिए परमात्मा की शरणागति में जाना होगा. उन्होंने कहा कि बिनु सत्संग विवेक न होई राम कृपा बिनु सुलभ न सोई. बिना सत्संग के विवेक होने वाला नहीं है. सत्संग सम्मेलन को यूपी अयोध्या के संत परमेश्वराचार्य जी महाराज,साध्वी अंजली,रेमता चार्य जी महाराज,आचार्य प्रवीण मिश्रा पत्रकार राजेश उपाध्याय ने संबोधित किया. पूरी रात श्रद्धालुओं ने रासलीला का भरपूर आनंद लेते हुए भक्ति भाव में सराबोर हो गये.इसके पूर्व संत परमेश्वराचार्य जी रेमता चार्य जी महाराज,राजेश उपाध्याय व सनातनी चित्राली को सम्मानित किया गया.
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