24.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

saran news : रोजाना 40 लाख रुपये का पानी खरीद रहे शहरवासी

saran news : शहरी क्षेत्र में पानी के कंटेनर व सीलबंद बोतलों की डिमांड अधिक, गत पांच साल में लगाये गये 100 से भी अधिक वाटर सप्लाइ प्लांट, नल जल से सप्लाइ में अनियमितता ने बाजार को दिया विस्तार

छपरा. गर्मी बढ़ते ही मिनरल वाटर व पानी के जार की डिमांड बढ़ गयी है. विगत कुछ सालों में शहरी क्षेत्र में 100 से भी अधिक मिनरल वाटर व आरओ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट खोले गये हैं, जिनके माध्यम से रोजाना 40 लाख तक का कारोबार हो रहा है.

शादी के सीजन में यह कारोबार 50 से 60 लाख रुपये रोजाना का हो जाता है. इसके साथ ही सीलबंद बोतलों का कारोबार भी विगत कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है. शहर में एक दर्जन से अधिक ब्रांडेड कंपनियों की एजेंसी मौजूद है, जिनके माध्यम से आधा लीटर, एक लीटर व पांच लीटर तक की सीलबंद बोतलें दुकानों में सप्लाइ की जाती हैं. बाजार आये लोग गर्मी के दिनों में शहरी क्षेत्र में चापाकल व नलों की उपलब्धता कम होने के कारण सीलबंद बोतलों को ही खरीदते हैं, जिससे उनका बजट भी प्रभावित हो रहा है. जिन घरों में वाटर प्लांट से जार व कंटेनर की सप्लाइ होती है, उन घरों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है.

30 रुपये प्रति जार उपलब्ध है पानी

शहरी क्षेत्र में जितने भी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाये गये हैं, उनके द्वारा छोटे-छोटे वाहनों के माध्यम से घरों तक पानी का जार या कंटेनर पहुंचाया जाता है. इस काम में दो से तीन लोगों को भी लगाया गया है. सुबह व शाम के समय प्लांट के एजेंट द्वारा पानी की सप्लाइ की जाती है. ग्राहकों को प्रति जार 30 रुपये चुकाने पड़ते हैं. वहीं, कई घरों में पानी सप्लाइ कराने के लिए प्लांट संचालक द्वारा विधिवत बुकिंग भी करायी जाती है, जिसमें एक महीने का रेट निर्धारित रहता है. कई ग्राहक रोजाना, तो कुछ ग्राहक महीने में एक बार खरीदे गये पानी का भुगतान करते हैं.

आरओ मशीन लगवाने की भी मची होड़

शहरी क्षेत्र के अधिकतर घरों में स्टेटस सिंबल के तर्ज पर आरओ मशीन लगायी जा रही है. शहर में आरओ मशीन व वाटर प्यूरीफायर बेचने वाले करीब 100 से अधिक दुकानदार मौजूद हैं, जहां लोगों को आसान मासिक किस्त पर आरओ मशीन व वाटर प्यूरीफायर बेचा जाता है. कई घरों में 150 से 200 फुट तक बोरिंग भी करायी गयी है, जिससे शुद्ध पेयजल निकलता है. यदि घरों में लगाये जाने वाले आरओ या वाटर फिल्टर लोग बजट में शामिल कर लें, तो एक परिवार के पानी पर तीन से आठ हजार रुपये वार्षिक खर्च होता है. वर्तमान में लगभग 50 हजार परिवार आरओ का इस्तेमाल कर रहे हैं. यदि इस दृष्टिकोण से देखें, तो घरों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सालाना 25 लाख रुपये तक खर्च किये जा रहे हैं. शहर के होटल व रेस्टोरेंट में भी रोजाना 50 हजार रुपये से अधिक का पानी खरीद कर लोग पी जाते हैं.

नल जल में अनियमितता प्रमुख कारण

इस समय शहर में करीब 30 वार्डों में नल जल के माध्यम से घरों तक पानी की सप्लाइ होती है. हालांकि अधिकतर इलाकों में सड़क निर्माण व गैस पाइपलाइन बिछाने के कारण नयी पाइपलाइन भी क्षतिग्रस्त हो गयी है. इससे घरों में गंदा पानी पहुंचता है. लोगों की शिकायत पर नगर निगम के कर्मी इस समस्या को ठीक तो कर देते हैं, लेकिन कुछ दिन बाद फिर से नलों से गंदा पानी आने लगता है. जगदंबा रोड, भगवान बाजार व गुदरी राय के चौक के पास मौजूद पानी टंकी का ट्यूबवेल अधिकतर समय खराब होने के कारण आसपास के मुहल्लों में सप्लाइ बाधित रहती है. इस कारण भी शहरी क्षेत्र के लोग जार, कंटेनर व सीलबंद बोतलों पर निर्भर हो रहे हैं.

कारोबार बढ़ा, लेकिन गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न

जल जांच प्रयोगशाला के केमिस्ट रंजन बताते हैं कि मिनरल वाटर या जार वाले पानी में आम तौर पर जल में मौजूद टीडीएस की मात्रा को कम कर दिया जाता है. जलमीनारों द्वारा सप्लाइ होने वाले पानी में टीडीएस मिलाने की बजाय लिक्विड क्लोरीन मिलाया जाता है, जो जल शोधक है. बाजार की कंपनियां या घरों में लगे आरओ पानी को बैलेंस भी करता है. हालांकि बाजार में मिलने वाले कंटेनर के पानी की शुद्धता मानकों के अनुरूप है कि नहीं इसकी समय-समय पर जांच होनी चाहिए. आम लोगों को भी गुणवत्ता की जानकारी लेनी चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel