छपरा. सदर अस्पताल की बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था मरीजों की परेशानी का कारण बन गयी है. शुक्रवार को अस्पताल में इलाज के लिए भारी भीड़ उमड़ी, लेकिन ब्लड प्रेशर और शुगर जांच को अनिवार्य किये जाने से मरीजों को घंटों तक लाइन में खड़ा रहना पड़ा.दो जांच काउंटरों की व्यवस्था इस भीड़ के लिए नाकाफी साबित हो रही है. सुबह से ही अस्पताल परिसर में पंजीकरण और जांच के लिए लंबी कतारें लग गयीं. तेज गर्मी और उमस के बीच मरीजों की हालत खराब होती रही. कई मरीज तो इलाज की प्रक्रिया पूरी किये बिना ही निराश होकर लौट गये.
एंटी रेबिज इंजेक्शन के लिए भी जांच अनिवार्य
खासकर कुत्ते या जानवरों के काटने के बाद आने वाले मरीजों को सबसे अधिक दिक्कत का सामना करना पड़ा. उन्हें भी पहले ब्लड प्रेशर और शुगर जांच के लिए कहा गया, जबकि ऐसे मामलों में तत्काल इलाज की जरूरत होती है. इस कारण कई मरीजों को इंजेक्शन नहीं मिल पाया और उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा. महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि चिकित्सकों के निर्देश पर बीपी व शुगर जांच को जरूरी बताया गया है. इसके कारण जांच काउंटरों पर भीड़ बेकाबू हो रही है और मरीजों के बीच बहस और झगड़े की स्थिति बन जा रही है. कर्मचारी खुद भी तनाव में काम कर रहे हैं. मरीजों ने आरोप लगाया कि जब जांच प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है, तो कम से कम जांच काउंटरों की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए थी. उलटे सुविधाएं घटा दी गयी हैं, जिससे हर मरीज परेशान हो रहा है.
क्या कहते हैं उपाधीक्षक
एंटी रेबिज सुई के लिए मरीज को किसी तरह की जांच से गुजरने की आवश्यकता नहीं है. सीधे पर्ची कटा कर चिकित्सक से परामर्श लेकर सुई प्राप्त की जा सकती है. अगर इस तरह की कोई शिकायत मिल रही है, तो जांच करायी जायेगी.
डॉ आरएन तिवारीउपाधीक्षक, सदर अस्पताल, छपरा
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