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saran news : भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं ने मांगी खुशहाली

saran news : प्रथम सोमवारी पर शिवालयों में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, हर-हर महादेव व बोलबम से गूंजा शहर

छपरा. सावन की पहली सोमवारी यानी 14 जुलाई को सारण के सभी शिवालयों में भक्तों का सैलाब उमर पड़ा. जहां से गुजरें, वहां हर हर महादेव का जयघोष हो रहा था.

सर्वाधिक भीड़ महिला श्रद्धालुओं की थी. जिले के सभी बड़े और छोटे शिवालयों में दिन भर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही और पूजा-अर्चना होती रही. सबसे अधिक भीड़ जिला मुख्यालय स्थित प्रसिद्ध धर्मनाथ मंदिर में रही. यहां देर शाम तक मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जमी रही, जिससे मेले जैसा दृश्य था. सैकड़ों की संख्या में मंदिर के आसपास दुकानें सजी हुई थीं.

एक हजार वर्ष पुराना है धर्मनाथ मंदिर

धर्मनाथ मंदिर के पुजारी ने बताया कि धर्मनाथ मंदिर करीब एक हजार वर्ष पुराना है. यहां सन् 1016 में शिवलिंग प्रकट हुआ था. शिवलिंग की पूजा-अर्चना उस समय एक संत बाबा धर्मनाथ ने शुरू की और कालांतर में उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नामकरण हुआ. सरयुग और गंगा के तट पर स्थित इस मंदिर को मनोकामना पूर्ण लिंग के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि जो भी भक्त यहां सच्ची निष्ठा से भगवान भोलेनाथ से मन्नत मांगता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.

पहली सोमवारी पर 10 हजार लोगों ने किया जलार्पण

सावन की पहली सोमवारी पर बाबा धर्मनाथ मंदिर में लगभग 10 हजार लोगों ने जलाभिषेक किया. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित शिवालयों में सावन की पहली सोमवारी को लेकर महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी जा रही है. वैसे पूरे जिले की बात करें, तो बताया जा रहा है कि लगभग 10 लाख से अधिक लोगों ने जलाभिषेक किया है.

इन मंदिरों में भी जुटी भीड़

पहली सोमवारी पर छपरा जिला मुख्यालय के धर्मनाथ धनी मंदिर के अलावा, मसर्मेश्वर नाथ मंदिर, साहिबगंज शिव मंदिर, शक्ति नगर शिव मंदिर, भगवान बाजार और गुदरी पंच मंदिर के अलावा बनियापुर, मढ़ौरा, सोनपुर, जलालपुर प्रखंड के शिव मंदिरों में काफी भीड़ जुटी. एकमा के अन्य शिवालयों में भी सुबह से श्रद्धालु कतारबद्ध होकर जलाभिषेक कर रहे हैं. पूरा इलाका शिवमय हो चुका है.

पंचामृत से किया गया जलाभिषेक

जिले के सभी शिवालयों में मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जल, दूध, दही, शहद और घी से बना पंचामृत, बेलपत्र, भांग, धतूरा, फल-फूल और अन्य पूजन सामग्री की समुचित व्यवस्था की थी. मंदिर परिसर में साफ-सफाई और प्रसाद वितरण की भी व्यवस्था की गयी थी.

रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय का भी हुआ आयोजन

सावन मास भगवान शिव का प्रिय माह माना जाता है. इस दौरान रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय मंत्र के जाप का विशेष महत्व होता है. कई मंदिरों में इसका आयोजन किया गया था. श्रद्धालु भगवान शिव को दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से स्नान कराकर बेलपत्र और भांग अर्पित कर रहे थे.

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