मशरक. मशरक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी में लापरवाही और गंभीर अनियमितताओं को लेकर बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. दो सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सा पदाधिकारी सहित 14 स्वास्थ्यकर्मियों से स्पष्टीकरण मांगे जाने से अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया है. स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव द्वारा गठित जांच टीम ने 28 मई को अस्पताल में गहन जांच की थी. जांच के दौरान चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ललिता कुमारी, डॉ कविता सिंह, डॉ शैलेंद्र कुमार विद्यार्थी और डॉ चंद्रशेखर सिंह सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक अनुपस्थित पाए गए थे. इस दौरान डॉ अनंत नारायण कश्यप अनुपस्थित डॉक्टर के लॉगिन आइडी से ओपीडी में मरीजों को परामर्श देते पाये गये. यह डाटा एंट्री ऑपरेटर और चिकित्सक के बीच मिलीभगत को दर्शाता है. जांच में लिपिक नीरज कुमार, विकास कुमार और प्रखंड लेखापाल राजेश कुमार भी गैरहाजिर पाये गये. डाटा एंट्री ऑपरेटर सूरज कुमार मिश्रा द्वारा जारी एक बच्ची का जन्म प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया. प्रमाणपत्र में जन्म तिथि 26 अप्रैल 2024 दर्ज थी, लेकिन उसे निर्गत 26 जुलाई 2024 को किया गया था. इस तरह के पांच फर्जी मामले उजागर हुए हैं. दवा स्टॉक में गड़बड़ी मिलने पर भंडारपाल अरविंद कुमार और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अमित कुमार से भी जवाब तलब किया गया है. डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रमेंद्र कुमार कुशवाहा द्वारा अनुपस्थित डॉक्टर के लॉगिन का दुरुपयोग किया गया था. एक्स-रे टेक्नीशियन विनोद कुमार को भी लापरवाह पाया गया है. प्रशासन ने सभी आरोपितों से जल्द जवाब देने को कहा है.
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