छपरा. अभी माॅनसून आया नहीं है. बावजूद जिला प्रशासन ने बाढ़ पूर्व तैयारी शुरू कर दी है. बाढ़ प्रमंडल के अधिकारी नेपाल से आने वाले पानी पर नजर गड़ाये हुए हैं. अधिकारियों के अनुसार अभी स्थिति सामान्य है. तैयारी लगभग पूरी हो गयी है. जहां-जहां बांध क्षतिग्रस्त है या टूटा हुआ है सड़कें खराब हैं सब जगह मरम्मत पूरी हो गयी है. हर स्थिति से निबटने के लिए बाढ़ प्रमंडल के अधिकारी तैयार हैं. इधर जिला प्रशासन में भी संभावित बाढ़ से निबटने के लिए अपनी तैयारी कर ली है.
पॉलीथिन शीट का किया जा रहा है स्टॉक
जिला एवं अंचलों में उपलब्ध पॉलिथीन शीट के संख्या के बारे में जानकारी दी गयी. बताया गया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए अभी से ही पॉलीथिन शीट का स्टॉक किया जा रहा है. जितने भी बाढ़ पीड़ित होंगे उनको पॉलीथिन शीट बैठने, सोने और बरसात से बचने के लिए दिया जायेगा.257 प्राइवेट नाव बाढ़ के समय करेंगी मदद, डेंगी भी हो रही तैयार
अभी तक विभिन्न अंचलों में कुल 257 निजी नावों के मालिकों के साथ एकरारनामा किया गया है. जितने भी सरकारी नाव है उनकी मरम्मत की जा रही है, ताकि उसका सही उपयोग लिया जा सके. हालांकि संभावित बाढ़ को देखते हुए अभी से ही जिले के नदी तटीय इलाके के लोग नाव का छोटा रूप डेंगी बनाने लगे हैं. अभी तक जिले में डेढ़ सौ से अधिक डेंगी बन चुकी हैं. आश्रय स्थल के रूप में 250 जगह चिह्नित : बाढ़ आपदा की स्थिति से निबटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से अभी 213 आश्रय स्थल चयनित कर लिये गये हैं हालांकि इनकी संख्या ढाई सौ तक हो सकती है. आश्रय स्थल में बाढ़ पीड़ितों के लिए हर तरह की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी.भोजन की कमी नहीं होने दी जायेगी
प्रशासन इस बात को लेकर पूरी तरह से तैयारी में है कि यदि बाढ़ जैसे हालात बने और काफी संख्या में लोग प्रभावित हुए तो वैसी स्थिति में सामुदायिक रसोई स्थल तैयार किये जायेंगे, जहां पर बाढ़पीड़ित दोनों टाइम भोजन करेंगे. इसके लिए 192 सामुदायिक रसोई स्थल को चिह्नित किया गया है. जरूरत पड़ने पर यह संख्या और बढ़ सकती है.स्वास्थ्य विभाग ने भी कसी कमर
जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक मानव दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा 159 स्टैटिक एवं 41 चालान कल 200 चिकित्सा दल की प्रतिनियुक्ति के लिए तैयारी की गयी है.अनुदान की भी तैयारी
बाढ़पीड़ितों को तत्काल राहत के तहत अनुदान राशि दी जाती है. विगत वर्ष 2024 में आयी बाढ़ में कुल 22259 परिवारों के बीच 15.58 करोड़ रुपये अनुग्रह अनुदान के रूप में भुगतान किया गया था. ऐसे में एक आकलन करते हुए इसकी भी तैयारी कर ली गयी है.फसल नुकसान पर भी रहेगी नजर
बाढ़ के समय किसानों को भी काफी नुकसान होता है, उनकी फसले डूब जाती है. ऐसे में पहले से ही तैयारी की जा रही है. वैकल्पिक एवं आकस्मिक फसल योजना को लेकर तैयारी कर ली गयी है और आवश्यकता अनुसार निर्णय लिया जायेगा.पशुओं की भी चिंता
बाढ़ के समय पशुओं को भी काफी परेशानी होती है. ऐसे में पशु दवा एवं पशु शिविर के संचालन को लेकर भी तैयारी की जा रही है. 16 बाढ़ प्रवण अंचलों में कुल 32 स्थलों को पशु आश्रय स्थल के रूप में चिह्नित किया गया है. साथ ही निविदा के माध्यम से पशुचारा का दर एवं आपूर्तिकर्ता का निर्धारण कर लिया गया है.रियल टाइम मॉनीटरिंग की : आपदा की स्थिति में रियल टाइम मॉनीटरिंग के लिए जिला आपातकालीन संचालन केंद्र 24 घंटे कार्यरत है, इस केंद्र का दूरभाष संख्या 0615 245023 है.
क्या कहते हैं अधिकारी
सारण जिला पूरी तरह से सुरक्षित है. बाढ़ से पहले सभी प्रकार की तैयारी हो चुकी है. नेपाल से आने वाला पानी अभी सामान्य है. माॅनसून पर बहुत कुछ निर्भर करेगा.रामबाबू राय, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ प्रमंडल
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