छपरा. नगर निगम की लापरवाही का खामियाजा एक बार फिर आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. इस बार मानसून से पहले नालों की उड़ाही नहीं करायी गयी, जिससे शहर के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति बन गयी है. जून में बारिश नाममात्र की हुई, जिससे समस्या सामने नहीं आयी. मगर जुलाई के अंतिम सप्ताह में जब बारिश तेज हुई तो नगर निगम नींद से जागा और आनन-फानन में नालों की उड़ाही शुरू करवा दी. अब जबकि रुक-रुक कर बारिश हो रही है, नगर निगम द्वारा प्रमुख इलाकों में नालों की उड़ाही की जा रही है. सफाईकर्मी नालों से निकाले गये कचरे को सड़क पर ही छोड़कर जा रहे हैं. ऐसे में बारिश होते ही यह कचरा पूरे सड़क पर फैल जा रहा है, जिससे लोगों को आवागमन में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
बाजार क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित
सरकारी बाजार, मौना रोड, सांढा रोड, मोहन नगर, कटहरी बाग रोड जैसे व्यस्त बाजार क्षेत्रों में स्थिति और भी गंभीर हो गयी है. नालों से निकला कचरा सड़क पर फैला है, जिससे एक ओर दुर्गंध से आसपास के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है, तो दूसरी ओर कीचड़ भरी सड़कों से गुजरने में भी दिक्कत हो रही है. शाम को बाजार आने वाले लोगों को फल-सब्जी व अन्य सामान खरीदने के लिए कीचड़ और गंदगी के बीच से होकर गुजरना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम ने समय रहते नालों की सफाई करवा दी होती तो यह स्थिति नहीं बनती. अब बरसात के बीच उड़ाही कर सड़क पर कचरा फैलाने से लोगों की परेशानियां और बढ़ गयी हैं.शिकायत मिलने पर भेजा जाता है सफाईकर्मियों को
बरसात के पहले भी कई इलाकों में नालों की उड़ाही करायी गयी थी. हालांकि उसके बाद से नाले फिर से जाम हो गये हैं. ऐसे में बरसात के दौरान जलजमाव की स्थिति न उत्पन्न हो इसीलिए फिर से नालों की उड़ाही करायी जा रही है. जिन इलाकों में नालों की उड़ाही नहीं हुई है. शिकायत मिलने पर तुरंत वहां सफाईकर्मियों को भेजा जा रहा है.
रागिनी देवी, डिप्टी मेयर, छपरा नगर निगमडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है