मशरक. प्रखंड के जेपी सेनानी संघ द्वारा आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर बुधवार को आपातकाल को ”काला दिवस” के रूप में मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष बिक्रमा सिंह ने की. इस अवसर पर आयोजित चित्र प्रदर्शनी और विचार गोष्ठी के माध्यम से 25 जून, 1975 को लागू किये गये आपातकाल के दौरान की घटनाओं और तत्कालीन कांग्रेस सरकार की तानाशाही नीतियों को जनता के समक्ष रखा गया. मुख्य अतिथि मशरक कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रो. महेंद्र सिंह ने कहा कि 25 जून भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला दिन था. उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकतांत्रिक मूल्यों को रौंदते हुए संविधान का दुरुपयोग कर देश पर आपातकाल थोप दिया था, जो स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा पर सीधा प्रहार था. जेपी सेनानी बिक्रमा सिंह ने कहा कि 21 महीने चले आपातकाल (25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977) के दौरान लाखों देशभक्तों को जेल में डाला गया. उन पर जिस प्रकार का अत्याचार हुआ. कार्यक्रम में चंद्रमा सिंह, प्रो. महेंद्र सिंह, छबिनाथ तिवारी, विजय कुमार ओझा, रमाशंकर तिवारी, श्यामशरण सिंह सहित दर्जनों जेपी सेनानियों को सम्मानित किया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है