छपरा. सारण के जिलाधिकारी अमन समीर की पैनी नजर होमगार्ड बहाली पर है. मौका मिलते ही सीधे बहाली स्थल पहुंच जा रहे हैं और फिजिकल परीक्षा की हर बिंदु की गहन समीक्षा कर रहे हैं. अधिकारियों और वहां तैनात कर्मियों की कार्य शैली की भी तहकीकात कर रहे हैं, ताकि किसी तरह की कोई शिकायत नहीं आए. शनिवार को भी अचानक जिलाधिकारी बहाली स्थल पर पहुंच गए और उप विकास आयुक्त यतेंद्र कुमारपाल के साथ सभी परीक्षा स्थल का मुआयना किया. जहां-जहां फिजिकल टेस्ट के विभिन्न विधा हो रहे थे, वहां-वहां वे गए और तैनात अधिकारियों और कर्मियों से बात की. मौजूद अभ्यर्थियों से भी कई सवाल किया.
स्वच्छ और पारदर्शिता के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
बहाली की प्रक्रिया पूरी तरह से स्वच्छ और पारदर्शी हो इसके लिए जिलाधिकारी ने शुरू से ही तकनीक का इस्तेमाल करते हुए कार्य करने का आदेश दिया था. इसका असर भी हो रहा है कहीं किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं आ रही है. यूएचएफ आरएफआईडी आधारित तकनीक का सहारा रेस की टाइमिंग रिकॉर्ड करने के लिये लिया जा रहा है. इसके लिये सक्षम तकनीकी एजेंसी का चयन किया गया है.सभी अभ्यर्थियों को आरएफआईडी चिप युक्त जैकेट पहनाया जा रहा है. दौड़ में बैगर किसी मानवीय हस्तक्षेप के तकनीक के सहारे सभी आँकड़े रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. इसमें अभ्यर्थी का बायोमैट्रिक डाटा एवं फोटो कैप्चर, अभ्यर्थी का बायोमेट्रिक सत्यापन, सीसीटीवी का उपयोग, यूएचएफ आरएफआईडी आधारित रेस टाइमिंग सिस्टम, डिजिटल फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट मशीन का ऑटोमेटेड हाइट और चेस्ट मेजरमेंट के लिये उपयोग, लेजर बेस्ड डिजिटल लॉन्ग जंप या शॉट पुट मेजरमेंट सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है