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Saran News : बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवा देना प्रशासन की प्राथमिकता: डीडीसी

Saran News : जिला के सभी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं आम लोगों को मिले, इसके लिये प्रशासन लगातार प्रयासरत है.

छपरा. जिला के सभी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं आम लोगों को मिले, इसके लिये प्रशासन लगातार प्रयासरत है. कुछ प्रखंड स्वास्थ्य सेवाओं के विभिन्न इंडिकेटर में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं तो कुछ प्रखंडों का प्रदर्शन कमतर है. उपविकास आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा करने के दौरान यह बात बतायी. समाहरणालय सभागर में आहुत बैठक में उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित विभिन्न पैरामीटर्स की एक-एक कर समीक्षा की तथा अपेक्षित सुधार के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया. ओपीडी में औसत प्रतीक्षा समय को कम करने के लिए लगातार प्रयासरत रहने को कहा गया. सभी आशा का भव्या एप्प पर निबंधन हो चुका है, सभी को प्रशिक्षण भी दिया गया है. इस एप्प के माध्यम से शत प्रतिशत आशा के माध्यम से ऑनलाइन रिपोर्टिंग सुनिश्चित कराने को कहा गया. लक्ष्य के विरुद्ध टेली कंसलटेंसी के मामलों में अपेक्षित सुधार लाने का निदेश दिया गया. टेली कंसलटेंसी स्पोक एंड हब प्रणाली के आधार पर कार्य करता है. स्पोक में सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्पोक के रूप में काम करते हैं, जहां से सीएचओ हब में बैठे डॉक्टर से मरीज की दूरभाष के माध्यम से बात कराकर चिकित्सीय परामर्श प्राप्त करते हैं. टेली कंसलटेंसी के माध्यम से डॉक्टर द्वारा प्रेस्क्राइब की गयी. दवाइयां संबंधित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या हेल्थ सब सेंटर के माध्यम से मरीज को उपलब्ध करायी जाती है. प्रत्येक आशा के पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की सूची के आधार पर आशावार समीक्षा करने को कहा गया. इसके आधार पर गर्भवती महिलाओं के एएनसी एवं प्रसव की मॉनिटरिंग की जायेगी. अगर कोई आशा किसी गर्भवती महिला को निजी अस्पताल ले जाती है, तो इसकी भी ट्रैकिंग हो सकेगी तथा संबंधित आशा के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकेगी. संपूर्ण टीकाकरण में जिला में लगभग 95 प्रतिशत की उपलब्धि दर्ज की गयी है. कुछ प्रखण्डों की उपलब्धि औसत से कम पायी गयी जिन्हें अपेक्षित सुधार लाने का निदेश दिया गया. 102 एम्बुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम में कमी लाने एवं सेवा में सुधार लाने हेतु स्पष्ट निदेश दिया गया. सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा मरीजों को जेनेरिक दवाएं ही प्रेस्क्राइब की जानी हैं. इस संबंध में प्रत्येक पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पताल एवं सदर अस्पताल में नियमित रूप से रेंडमली प्रेस्क्रिप्शन की जांच करने को कहा गया. बैठक में उपविकास आयुक्त, सिविल सर्जन, डीपीएम, सभी एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम आदि उपस्थित थे.

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