छपरा. कैंसर और डायलिसिस जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए नेचुरोपैथी बेहतर इलाज साबित हो रहा है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आरएन तिवारी ने बताया कि नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा), संतुलित आहार और नियमित दिनचर्या के माध्यम से ऐसे रोगियों को जीवन की नयी राह दिखायी जा सकती है. डॉ तिवारी के अनुसार, यदि रोगी प्रारंभिक अवस्था में उपचार शुरू करें और प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांतों का पालन करें, तो गंभीर बीमारियों में भी सुधार संभव है. उन्होंने बताया कि प्रोस्टेट कैंसर और पेनिस कैंसर जैसे स्लो ग्रोइंग कैंसर में नेचुरोपैथी से बेहद सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि अब तक कई मरीजों को फैयदा हुआ है. सीवान निवासी चमेली कुंवर, जो गंभीर किडनी रोग से पीड़ित थीं, उन्हें छह महीने के अंदर प्राकृतिक चिकित्सा और नियंत्रित खान-पान से पूरी तरह स्वस्थ कर दिया गया. इसके अलावा, उन्होंने इस्नोफीलिया जैसी बीमारी में भी प्रभावी परिणाम का दावा किया. नियमित चेस्ट एक्सरसाइज और श्वसन तकनीकों के माध्यम से यह रोग भी नियंत्रित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सा प्रणाली जहां तात्कालिक राहत देती है, वहीं नेचुरोपैथी शरीर की आत्म-उपचार शक्ति को सक्रिय कर स्थायी समाधान प्रदान करती है. अगर राज्य और केंद्र सरकार इस दिशा में प्रोत्साहन दें तो यह देशभर के हजारों मरीजों के लिए एक वैकल्पिक और किफायती समाधान बन सकती है. उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाएं, संतुलित आहार, योग, व्यायाम और प्राकृतिक उपचार अपनाएं, ताकि न केवल रोगों से बचाव हो सके, बल्कि पहले से बीमार लोगों को भी राहत मिल सके.
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