तरैया. प्रखंड के माधोपुर पंचायत के गंडक नदी नारायणी तट के समीप अरदेवा-जिमदाहा गांव स्थित संत श्रीनारद जी महाराज के आश्रम में आयोजित नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ का चौथा दिन रविवार को विशेष भक्ति भाव से संपन्न हुआ. यज्ञधीश सह कथावाचक विद्या भूषण जी उर्फ कवि जी महाराज ने श्रीरामचरितमानस के माध्यम से श्री लक्ष्मण जी के चरित्र सेवा और समर्पण का मार्मिक वर्णन किया. कथावाचक ने बताया कि लक्ष्मण जी श्रीराम की सेवा को अपने जीवन की सर्वोच्च उपलब्धि मानते थे. वे तन, मन, वचन और शरीर से श्रीराम की सेवा में पूर्णतया समर्पित थे. महर्षि विश्वामित्र जी के साथ जब श्रीराम और लक्ष्मण मिथिला पहुंचते हैं, तो लक्ष्मण जी अपनी साधुता और विनम्रता का परिचय देते हैं. वे सोने से पहले गुरु विश्वामित्र और श्रीराम के चरणों को सादर और स्नेहपूर्वक छूते हैं. यह आचरण आज के युग में सेवा और समर्पण की अनमोल शिक्षा देता है. शतचंडी महायज्ञ में हजारों श्रद्धालु भक्ति की गंगा में डूबते हुए आस्था से यज्ञ स्थल पर जुटे. इस दौरान मुख्य यजमान पंकज बाबा के नेतृत्व में बसंत कुमार सिंह, चुन्नू सिंह, जिला पार्षद हरि शंकर सिंह उर्फ हरि सिंह, प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि धनवीर कुमार सिंह बिक्कू, माधोपुर मुखिया व जदयू नेता सुशील कुमार सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे. साथ ही डॉ रंजय सिंह, उपेंद्र कुमार सिंह, ओमप्रकाश गुप्ता, श्रीकांत सिंह, अशोक यादव उर्फ नेताजी, रामाधार सिंह, भुनेश्वर सिंह, चंदन तिवारी, अवधेश सिंह, मनोज सिंह, जयंत सिंह, मीरा सिंह, छोटू सिंह समेत सैकड़ों भक्त श्रद्धालुओं ने इस महायज्ञ में भाग लिया.
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