मांझी. शुक्रवार को हुई मानसून की पहली बारिश ने मांझी नगर पंचायत की जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी. बारिश के बाद बनवार मुख्य मार्ग, जलाल बाबा मजार और गढ़ बाजार जैसे इलाके झील में तब्दील हो गये, जिससे आम नागरिकों, राहगीरों और दुकानदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. लगभग एक घंटे की बारिश के बाद ही हालात इतने बिगड़ गये कि सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया. जलाल बाबा मजार और गढ़ बाजार की मुख्य सड़क पर वाहनों की आवाजाही लगभग ठप हो गयी, जबकि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया. बारिश का गंदा पानी दुकानों में घुस गया, जिससे दुकानदारों को आर्थिक नुकसान और रोज़मर्रा की असुविधा झेलनी पड़ी. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर पंचायत द्वारा हर साल दावा तो किया जाता है, लेकिन साफ-सफाई और नालियों की समय पर सफाई नहीं की जाती. परिणामस्वरूप, पहली ही बारिश में सड़कों पर नालियों का गंदा पानी बहने लगता है और जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. हर बार की तरह इस बार भी नगर प्रशासन ने केवल खानापूर्ति की है. जब पहली बारिश में ही दुकान में पानी घुस जाए, तो आगे के मौसम का क्या हाल होगा, सोचकर डर लगता है.
किसानों को मिली राहत, मगर शहरवासियों की बढ़ी मुसीबत
जहां बारिश से किसानों और गर्मी से परेशान लोगों को थोड़ी राहत मिली, वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत क्षेत्र के निवासी और व्यापारी वर्ग परेशान दिखे. जलनिकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण बाजार से जुड़े संपर्क मार्गों पर भी कीचड़ और जलजमाव से लोगों को भारी दिक्कतें हुईं.
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