छपरा. मतदाता सूची में कथित वोटबंदी के विरोध में महागठबंधन द्वारा आहूत बिहार बंद का सारण जिले में व्यापक असर देखने को मिला. बंद के समर्थन में जिले भर के महागठबंधन के नेता, कार्यकर्ता और आमजन सड़कों पर उतर आए. बंद के दौरान छपरा सहित विभिन्न प्रखंडों में दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे, जबकि सड़क यातायात भी आंशिक रूप से प्रभावित रहा. बंद का नेतृत्व महागठबंधन के नेताओं ने किया. मढ़ौरा विधायक जितेंद्र राय, मांझी विधायक डॉ सत्येंद्र यादव, महागठबंधन नेता शैलेंद्र प्रताप, कांग्रेस जिला अध्यक्ष बच्चू प्रसाद वीरू, राजद नेता सुनील राय सहित अन्य नेताओं ने नगर पालिका चौक से शहर में मार्च करते हुए चुनाव आयोग और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. महागठबंधन नेताओं ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग द्वारा जारी आदेश एक तरफा और अलोकतांत्रिक है, जिसके माध्यम से गरीब, मजदूर और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को वोट देने से वंचित करने की साजिश रची जा रही है. विधायक जितेंद्र राय ने कहा कि यह बंद पूरी तरह सफल रहा. जनता ने स्वतः दुकाने बंद कर अपना समर्थन दिया. यह फैसला संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है. वरिष्ठ नेता शैलेंद्र प्रताप ने कहा कि चुनाव आयोग और केंद्र सरकार की तानाशाही के खिलाफ जनता ने आज आवाज़ बुलंद की है. यह देश संविधान से चलता है, तानाशाही से नहीं. मांझी विधायक डॉ सत्येंद्र यादव ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, उसे अपनी निष्पक्षता बरकरार रखनी चाहिए और यह आदेश तुरंत वापस लेना चाहिए. राजद नेता सुनील राय ने कहा कि अगर गरीबों और मजदूरों के नाम मतदाता सूची से काटे गए तो यह लोकतंत्र की हत्या है. जब तक वोटबंदी का आदेश वापस नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा. इस आंदोलन में प्रमुख रूप से भाग लेने वालों में राजद के प्रीतम यादव, पूर्व जिला अध्यक्ष जिलानी मोबिन, राधे कृष्ण प्रसाद यादव, सागर नौशेरवा, मुखिया वीरेंद्र शाह, अरविंद कुमार राय, बलिराम यादव, कांग्रेस नेता डॉ शंकर चौधरी, फिरोज इकबाल, सीपीएम नेता सुरेंद्र सौरव, तथा मुकेश साहनी पार्टी के नेता भी शामिल रहे.
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