नोट, फोटो नंबर 30 सीएचपी 7 है, कैप्शन होगा- ठेला पर मरीज को ले आये परिजन विकास कुमार, छपरा. छपरा सदर अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल एक बार फिर उस वक्त खुल गयी जब बुधवार की दोपहर करीब 1:30 बजे एक गंभीर महिला मरीज को उसके परिजन अस्पताल के इमरजेंसी विभाग से इलाज के बाद ठेले पर घर ले जाते नजर आये. यह दृश्य अस्पताल के इमरजेंसी गेट के ठीक सामने देखा गया, जो न केवल व्यवस्था की असफलता दर्शाता है, बल्कि मानवीय संवेदना को भी झकझोर कर रख देता है. जब परिजनों से पूछा कि क्या उन्हें अस्पताल से स्ट्रेचर या एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली, तो उन्होंने निराशा भरे स्वर में कहा “छोड़िए ना सर, इसका कोई फायदा नहीं है” उनके चेहरे पर व्यवस्था के प्रति गहरी नाराजगी साफ देखी जा सकती थी. उन्होंने अपना नाम-पता बताने से भी परहेज किया और चुपचाप मरीज को ठेले पर ले जाते हुए नजर आये. बुधवार को दोपहर में तेज धूप थी, ऐसे में मरीज को छांव देने के लिए परिजनों ने ठेले पर ही छाता तान दिया. यह दृश्य इतना मार्मिक था कि वहां मौजूद कई लोग स्तब्ध रह गये. व्यवस्था पर कई बार उठ चुके हैं सवाल यह पहली बार नहीं है जब छपरा सदर अस्पताल में इस प्रकार की अमानवीय तस्वीर सामने आयी हो. इससे पहले भी कई बार मरीजों को जर्जर स्ट्रेचर पर ढोते हुए देखा गया है. हाल ही में एक मामला सामने आया था जब एक प्रसूता महिला को परिजनों ने गोद में उठाकर अस्पताल की तीसरी मंजिल तक पहुंचाया था. उस समय अस्पताल प्रबंधन ने सफाई दी थी कि लिफ्ट खराब थी, इसीलिए यह स्थिति उत्पन्न हुई.
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