बनियापुर. संघ के नेताओं के तमाम प्रयास और विभागीय सख्ती के बावजूद बकरीद के पर्व तक भी नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो सका. इसका खामियाजा खासकर मुस्लिम शिक्षकों को भुगतना पड़ा, जिनकी बकरीद की खुशियां अधूरी रह गयी. शनिवार को पूरे राज्य में बकरीद का त्योहार मनाया गया, लेकिन वेतन न मिलने के कारण शिक्षकों के चेहरे पर मायूसी छाई रही. अप्रैल और मई माह के वेतन की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों को जून के पहले सप्ताह के अंत तक भी वेतन नहीं मिला, जिससे उनमें गहरा असंतोष है. शिक्षकों का कहना है कि हर बार त्योहारों से पहले वेतन देने के आश्वासन दिए जाते हैं, मगर हकीकत में भुगतान में टालमटोल की जाती है. नियोजित शिक्षकों कमरूदीन गौसी, वसीम अख्तर, शहाबुद्दीन अतहर, फरहत जहां सहित कई शिक्षकों ने बताया कि बकरीद जैसे बड़े पर्व पर भी वेतन नहीं मिलने से उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ी। परिवार के खर्च, बच्चों की पढ़ाई और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति में अड़चन आ रही है.
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