सोनपुर. बिहार की विश्वप्रसिद्ध मीठी और रसीली लीची को देश के विभिन्न महानगरों तक ताजा अवस्था में पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे ने कमर कस ली है. विशेष रूप से सोनपुर मंडल द्वारा इस दिशा में व्यापक तैयारियां की गयी हैं, जिससे किसान और व्यापारी वर्ग को सीधा लाभ मिलेगा. इस वर्ष पवन एक्सप्रेस के अलावा तीन अन्य ट्रेनों में भी लीची लदान की सुविधा प्रदान की जा रही है. अनुमान है कि केवल पवन एक्सप्रेस में 24 टन क्षमता तक की लदान की जा सकेगी. इसके अतिरिक्त, कम दरों पर पार्सल सेवा उपलब्ध करायी जा रही है ताकि छोटे और मंझोले व्यापारी भी अपने माल की ढुलाई सुनिश्चित कर सकें. रेलवे ने इस वर्ष मुजफ्फरपुर स्टेशन पर डेडीकेटेड लीची पार्सल ऑफिस की स्थापना की है, जहां लीची को तेज धूप से बचाने के लिए विशेष शेड का निर्माण किया गया है. साथ ही व्यापारियों और किसानों के लिए पेयजल की सुविधा, यूपीआई पेमेंट की सुविधा, पैकिंग और लोडिंग के लिए पर्याप्त स्थान, पार्सल गाड़ियों और ठेलों को विशेष परमिट, स्कैनिंग शुल्क में रियायत की सुविधा शामिल है. वहीं मुजफ्फरपुर स्टेशन और पूरे डिवीजन में 24 घंटे सहायता के लिए रेलवे असिस्टेंट, हेल्प डेस्क और हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराये गये हैं, जिससे किसान और व्यापारी कभी भी मदद प्राप्त कर सकें.मुजफ्फरपुर से लोकमान्य तिलक टर्मिनस, सेंट्रल रेलवे तक समन्वय स्थापित करने के लिए सोनपुर मंडल और सेंट्रल रेलवे के बीच एक डेडीकेटेड टीम का गठन किया गया है, ताकि लीची समय पर और सुरक्षित ढंग से उतराई की जा सके.वर्तमान में मुजफ्फरपुर स्टेशन से प्रतिदिन औसतन 21.44 टन लीची लादी जा रही है. स्टेशन से दिल्ली, पुणे, अहमदाबाद, हावड़ा जैसे प्रमुख शहरों के लिए कुल 28 ट्रेनों में वीपी, एसएलआर आदि के जरिए 105-110 टन प्रतिदिन लीची भेजने की क्षमता उपलब्ध है.
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