प्रतिनिधि, मांझी. सारण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने मांझी थाना के थानाध्यक्ष अमित कुमार राम सहित तीन पुलिस पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही उनसे पांच दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. इस संबंध में एसपी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी है. निलंबित पदाधिकारियों में पुनि विपुल कुमार सिंह और प्रपुनि आरती कुमारी भी शामिल हैं. यह कार्रवाई आवेदिका द्वारा पुलिस पर लगाये गये मारपीट और दुर्व्यवहार के आरोपों की जांच के बाद की गयी.
किराये के कमरे से शुरू हुआ विवाद
जांच में पाया गया कि प्रपुनि आरती कुमारी पिछले एक साल से आवेदिका के मकान में किरायेदार के रूप में रह रही थीं. इस दौरान एक अपहरण मामले कांड संख्या 273/22 की जांच भी उनके जिम्मे थी, जिसमें अपहृता को बरामद कर न्यायालय के आदेश पर ससुराल सुपुर्द किया गया. इसी बीच मकान मालिक और आरती कुमारी के बीच विवाद शुरू हो गया. मकान खाली करने को लेकर विवाद गहराता गया और 13 जून को आरती कुमारी और आवेदिका के देवर अरुण कुमार के बीच बहस हुई. आरती कुमारी ने इस बारे में थाने को सूचना दी. सूचना के बाद मांझी थानाध्यक्ष अमित कुमार, पुनि विपुल कुमार सिंह तथा पुलिस बल के साथ आवेदिका के घर पहुंचे और बिना समुचित जांच किये ही अरुण कुमार और मोनू कुमार को जबरन गिरफ्तार कर थाने ले गये. बाद में दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
वीडियो से उजागर हुआ अभद्र व्यवहार
एसपी को प्राप्त वीडियो फुटेज से स्पष्ट हुआ कि पुलिसकर्मियों द्वारा आवेदिका और परिजनों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया. साथ ही जांच में यह भी सामने आया कि प्रपुनि आरती कुमारी ने घटना को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया और गंभीर आरोप लगाकर थाने को गुमराह किया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने बताया कि तीनों पुलिस पदाधिकारियों की कार्रवाई आदेश उल्लंघन, लापरवाही, और मनमानेपन को दर्शाती है, जिससे पुलिस विभाग की छवि को नुकसान पहुंचा है.अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, एकमा द्वारा सौंपे गये प्रतिवेदन के आधार पर यह निर्णय लिया गया. एसपी ने तीनों पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनसे पांच दिनों के अंदर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है