छपरा. सोमवार की सुबह 9:30 बजे का समय है. शहर के दौलतगंज स्थित गांधी हाइस्कूल के प्रांगण में छात्र-छात्राएं मॉर्निंग असेंबली के लिए कतारबद्ध हैं, लेकिन इस बार का दृश्य कुछ खास है प्रत्येक छात्र को चंदन तिलक और छात्राओं को फूल देकर अभिनंदन किया जा रहा है.
यह दृश्य देखकर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान और उत्साह साफ नजर आ रहा था. विद्यालय के प्राचार्य देवेंद्र कुमार सिंह और शिक्षक साधना कुमारी, शत्रुघ्न कुमार, वीरेंद्र बिहारी, शैलेश कुमार सिंह, राजकुमार सिंह आदि ने इस अभिनव पहल की सराहना की. असेंबली में खड़े कई बच्चों ने बताया कि यह अनुभव उनके लिए बिल्कुल नया और अद्भुत रहा. इसके अलावा आदर्श मध्य विद्यालय, रतनपुरा, छपरा में भी कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला. प्रधानाध्यापक सुरेंद्र कुमार सिंह और शिक्षक-शिक्षिकाओं की टीम ने बच्चों का स्वागत तिलक लगाकर और मुस्कान के साथ किया. शिक्षकों ने बताया कि बच्चे छुट्टियों के बाद स्कूल आकर जितने खुश दिखे, वह अपने आप में प्रेरणादायक है.सात लाख बच्चों के लिए यादगार बना पहला दिन
सारण जिले के लगभग 4000 सरकारी स्कूलों में करीब सात लाख नामांकित छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. 23 जून को ग्रीष्मावकाश के बाद जैसे ही विद्यालय खुले, हर स्कूल में बच्चों का गुलदस्तों, तिलक, जलपान और खेल गतिविधियों से गर्मजोशी से स्वागत किया गया. यह पहला दिन न सिर्फ शिक्षा की वापसी का संकेत था, बल्कि यह मस्ती की पाठशाला की शुरुआत भी थी. वहीं छात्र संदीप कुमार, आदित्य कुमार, संजय कुमार, दीपक कुमार, संगीता कुमारी, मानसी कुमारी, प्रियांशी, अदिति, संजना आदि ने बताया कि ऐसा स्वागत पहले कभी नहीं हुआ. 22 दिन बाद स्कूल आये, लेकिन लग नहीं रहा कि छुट्टियों से लौटे हैं. अब तो सात दिन तक पढ़ाई के साथ मस्ती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है