बनियापुर. बिगत एक पखवाड़े से बारिश न होने की वजह से किसान काफी चिंतित थे. बारिश के अभाव में कृषि कार्य लगभग थम सा गया था. मगर रविवार को हुई झमाझम बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौटा दी. प्रखंड क्षेत्र में मॉनसून के सक्रिय होने से खरीफ फसलों की बुआई में तेजी आयी है.
हाथ में कुदाल और माथे पर उर्वरक लिए किसान अपने परिवार के सहयोग से खेतों में धान का बिचड़ा डालने की तैयारी में जुटे हैं. इसके साथ ही मक्का और अरहर की रोपनी भी शुरू हो गयी है. आषाढ़ के महीने में एक पखवाड़े से अधिक समय बीत जाने के बाद बारिश न होने से कई किसान परेशान थे, लेकिन रविवार से मौसम के मेहरबान होने से खेती का कार्य फिर से शुरू हो गया है.कन्हौली निवासी 85 वर्षीय अनुभवी किसान मदन सिंह ने बताया कि धान की रोपनी का उपयुक्त समय अभी चल रहा है. मगर मॉनसून में देरी के कारण अभी बिचड़ा तैयार नहीं हो सका है. तेज धूप और मौसम के बिगड़ते मिजाज की वजह से कुछ किसानों ने अब तक बिचड़ा ही नहीं डाला है, जिससे रोपनी प्रभावित हुई है. आषाढ़ महीने के अंत तक रोपनी पूरी होने पर उपज अच्छी होती है और खेत समय पर खाली भी हो जाते हैं.जल्दी बुआई करने वालों को मिला फायदा
जो किसान एक सप्ताह पूर्व मक्का की बुआई और धान का बिचड़ा डालने का कार्य पूरा कर चुके थे, उन्हें बारिश का फायदा मिला है. मक्का के वे पौधे जो तेज धूप से मुरझा चुके थे, अब बारिश से लहलहा उठे हैं. बिचड़ों में भी तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है.सब्जी उत्पादक किसान भी खुश, सिंचाई से मिली राहत
हरी सब्जी उगाने वाले किसान भी बारिश से काफी राहत महसूस कर रहे हैं. तेज धूप के कारण सब्जियों को बचाने के लिए लगातार पंप सेट से सिंचाई करनी पड़ती थी, लेकिन बारिश होने से कुछ दिनों तक सिंचाई का काम रुक गया है. इससे सब्जियों की बेहतर पैदावार की उम्मीद जगी है, जो बाजार में दाम कम होने और आम लोगों को फायदा पहुंचाने में मदद करेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है