छपरा. सदर अस्पताल में गंभीर स्थिति में इलाज कराने आये मरीजों को एक विभाग से दूसरे विभाग तक स्ट्रेचर पर ले जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में अब तक वार्ड अटेंडेंट की नियुक्ति नहीं हो सकी है, जिस कारण कई बार मरीज के परिजनों को खुद ही स्ट्रेचर खींचना पड़ता है, जिससे असहाय मरीजों को काफी तकलीफ होती है. कई बार मरीजों को एंबुलेंस से बाहर लाने के लिए भी परिजनों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. परिजन स्ट्रेचर की तलाश में इधर-उधर दौड़ते रहते हैं, जिससे पांच से 10 मिनट का समय केवल मरीज को संबंधित विभाग तक पहुंचाने में ही लग जाता है. यह समय कई बार गंभीर मरीजों के लिए जरूरी होता है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के तहत गार्डों की तैनाती जरूर कर दी गयी है, लेकिन वार्ड अटेंडेंट की अनुपस्थिति अब भी अस्पताल की एक बड़ी कमी बनी हुई है. उपाधीक्षक डॉ आरएन तिवारी ने बताया कि जल्द ही इस समस्या से निजात दिलाने की कोशिश की जा रही है और अटेंडेंट की बहाली को लेकर प्रक्रिया चल रही है.
नये स्ट्रेचर भी हो गये खराब
विदित हो की सदर अस्पताल में नये स्ट्रेचर की उपलब्धता कुछ माह पहले की गयी है. लेकिन इमरजेंसी विभाग से अल्ट्रासाउंड एक्सरे विभाग तक पहुंचाने के लिए उपयोग में लाये जाने वाले स्ट्रेचर जर्जर सड़क के कारण जल्द खराब हो जा रहे हैं. ऐसी अवस्था में कई बार तो मरीज स्ट्रेचर पर होते हैं और उसका पहिया निकल जा रहा है. ऐसी अवस्था में मरीज के परिजन एक हाथ से स्ट्रेचर का चक्का पकड़ते हैं व दूसरे हाथ में मरीज को लेकर इलाज के लिए विभाग तक पहुंचा रहे हैं.
वार्ड अटेंडेंट की बहाली का प्रयास है जारी
सड़क की मरम्मत अभी नहीं हुई है. क्योंकि अस्पताल निर्माणाधीन है. जैसे ही मॉडल अस्पताल का निर्माण पूर्ण होगा, अस्पताल की ऊंचाई व ढांचे के अनुरूप नयी सड़क का निर्माण कराया जायेगा, जिससे मरीजों को विभागों के बीच जाने में असुविधा न हो. वार्ड अटेंडेंट की बहाली का प्रयास जारी है.
डॉ आरएन तिवारी,
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