परसा. मुख्यमंत्री ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत चलायी जा रही नल-जल योजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य के हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना है. लेकिन नगर पंचायत परसा बाजार के वार्ड संख्या-2, चेतन परसा सर्किट हाउस परिसर स्थित जल मीनार इस योजना की विफलता और प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बन गया है.
सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2012 में पीएचइडी विभाग छपरा द्वारा लाखों रुपये की लागत से 30 हजार गैलन क्षमता वाला जल मीनार बनाया गया था. चेतन परसा, कॉलेज रोड, हॉस्पिटल रोड, परसा मथुरा, शंकरडीह और परसा बाजार तक पाइपलाइन बिछायी गयी थी और आरंभिक कुछ माह तक जल आपूर्ति भी हुई, लेकिन इसके बाद व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गयी.2018 में नगर पंचायत को सौंपा गया जलमीनार, अब तक नहीं हुई आपूर्ति शुरू
वर्ष 2018 में जल मीनार को पीएचइडी विभाग ने नगर पंचायत परसा बाजार को हस्तांतरित कर दिया, लेकिन आज तक इससे एक बूंद भी पानी लोगों को नहीं मिल सका है. स्थिति यह है कि जल मीनार अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है. परिसर का गेट टूटा हुआ है, ताले जंग खा चुके हैं और आवश्यक उपकरण भी गायब हैं. इस गंभीर मामले पर नगरवासियों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है. योजना पर अब तक लाखों रुपये खर्च किये जा चुके हैं, लेकिन आज भी स्थानीय लोग स्वच्छ पेयजल से वंचित हैं. प्रशासन और विभाग के बीच की जिम्मेदारी टालने की प्रवृत्ति ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.विभाग से बहुत बार किया गया है पत्राचार
पीएचडी विभाग द्वारा पूरी तरह से स्थानांतरण नहीं किया गया था. डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क सीआइजीआइ का पाइप पूरी तरह से क्षतिग्रस्त था. विभाग द्वारा कितनी बार पत्राचार भी किया गया. लेकिन कोई मार्गदर्शन प्राप्त नहीं हुआ.रजनीश कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, परसा
जल्द ही कार्य किया जायेगा
जल मीनार से जुड़ी समस्या से संबंधित पत्राचार किया गया है. जल्द ही इस पर कार्य कर चालू कराया जायेगा. ताकि लोगों को शुद्ध पेजल मुहैया कराया जा सके.
करमुल्लाह, मुख्यपार्षद प्रतिनिधिइस समस्या पर नगर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए
काफी तेजी से जल मीनार तो तैयार किया गया. लेकिन आज तक इससे शुद्ध रूप से किसी को जल उपलब्ध नहीं कराया गया. जिससे नगर में काफी नाराजगी है.
अखलेश पंडितजल मीनार से लोगों को पानी मुहैया कराया जाता तो लोगों के शुद्ध पेयजल मिलता. लेकिन इससे आज तक लोगों के कोई शुद्ध पेयजल मुहैया नहीं कराया गया है. इस पर नगर प्रशासन की ध्यान देने की जरूरत है.मो फिरोज
जलमीनार का जिस समय निर्माण कराया गया था. उसे समय लोगों में काफी उत्साह का माहौल था और लोगों के शुद्ध पेजल मिलने की काफी उम्मीद थी. आज स्थिति जर्जर है.अताउल्लाह अंसारी
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