छपरा. डाटा इंट्री ऑपरेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का अब व्यापक असर कार्यायलयों पर दिखने लगा है. कामकाज तो ठप है ही सरकार को लाखों रुपये का प्रतिदिन चूना लग रहा है. बुधवार को छठे दिन की हड़ताल ने 15 से अधिक विभागों की परेशानी बढ़ा दी है. यह हड़ताल 17 जुलाई से राज्यस्तरीय डाटा इंट्री ऑपरेटर एकता मंच के आह्वान पर शुरू हुई है, जिसमें सारण समेत पूरे राज्य के ऑपरेटर शामिल हैं.
इन विभागों का काम है ठप :
सारण में डाटा इंट्री ऑपरेटर के हड़ताल से जिला मुख्यालय के ट्रेजरी ऑफिस, जीपीएस कार्यालय, परिवहन कार्यालय, आरटीए कार्यालय, शिक्षा विभाग, आइसीडीएस, पशुपालन विभाग, कोऑपरेटिव, पंचायत कार्यालय, जिला कल्याण, जिला आपूर्ति, दुर्घटना बीमा प्राधिकरण, एडीएम कार्यालय, भू अर्जन कार्यालय, निबंधन कार्यालय, सांख्यिकी कार्यालय में काम ठप रहा. कुछ कार्यालय में बेल्ट्रॉन कर्मियों की मदद से काम लेने का प्रयास किया गया, लेकिन वह सफलता मिलती नहीं दिखी, जो डाटा एंट्री ऑपरेटर की उपस्थिति में होती है.सबसे अधिक इन कार्यालय के अधिकारी रहे परेशान :
इस अनिश्चितकालीन हड़ताल से सबसे अधिक जिले के परिवहन विभाग, जीपीएस ऑफिस ट्रेजरी विभाग, एलआरसी, एजुकेशन और आइसीडीएस के अलावा सांख्यिकी विभाग का कार्य प्रभावित हुआ है. हड़ताल का सीधा असर आम जनजीवन पर पड़ा है. ड्राइविंग लाइसेंस, जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, भूमि रजिस्ट्री जैसी जरूरी सेवाएं प्रभावित हुए हैं. जिले में रोजाना हजारों लोग इन सेवाओं पर निर्भर रहते हैं, लेकिन कार्यालयों में कामकाज प्रतिकूल असर पड़ा है.डाटा ऑपरेटर की यह है मांग :
हड़ताली डाटा इंट्री ऑपरेटर स्थायी नियुक्ति, वेतन पुनरीक्षण, भत्ता, सेवा वापसी और सेवानिवृत्ति लाभ समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. उनका आरोप है कि वर्षों से मांगें लंबित हैं और सरकार ने अब तक कोई ठोस पहल नहीं की. बुधवार की शाम सरकार के स्तर पर बातचीत की कोशिश हुई. विभाग की ओर से संचिका बढ़ाने और हड़ताल खत्म करने की बात की गयी, लेकिन शिष्टमंडल ने साफ कहा कि मांगें पूरी होने तक हड़ताल नहीं रुकेगी. संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे साथ भेदभाव हो रही है हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं. जब तक सरकार सभी मांगों पर निर्णय नहीं लेती, हड़ताल वापस नहीं होगी. हड़ताल को अन्य विभागों से भी समर्थन मिलने लगा है. यदि हड़ताल लंबी चली, तो जनता को और अधिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है. हड़ताली कर्मियों का कहना है कि यह लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है और पीछे हटने का कोई सवाल नहीं. जब तक उनके सभी 11 सूत्री मांग पर निर्णय नहीं हो जाता तब तक हड़ताल पर रहेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है