सासाराम सदर. जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति व सहयोग संस्थाएं काम कर रही है. इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके माध्यम से लोगों के बीच एमएमडीपी कीट व दिव्यांगता प्रमाण पत्र वितरण किया जाता है. स्वास्थ्य समिति ने इसके जागरूकता के लिए फिलहाल जिला के चार प्रखंडों में बीस हितधारक मंच का गठन करने का निर्णय लिया है. जिले के दिनारा, काराकाट, तिलौथू, करगहर प्रखंड में फाइलेरिया दर सबसे ज्यादा पाया जाता है. इन प्रखंडों के पांच-पांच हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर हितधारक मंच का गठन करना है. इसके माध्यम से फाइलेरिया बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जायेगा. हर पंचायतों में मुखिया की अध्यक्षता में मंच का गठन किया जा रहा है. इसमें सीएचओ, आशा कर्मी, जीविका, राशन डीलर, शिक्षा विभाग के कर्मी, वार्ड सदस्य आदि को शामिल किया जाता है. इस दौरान फाइलेरिया मरीजों की पहचान कर उनके बीच इलाज कीट का भी वितरण किया जाता है. काराकाट की बेसनगर में पीएसपी का गठन काराकाट की बेनसागर पंचायत में सोमवार को पीएसपी (रोगी हितधारक मंच) का गठन किया गया. इसका संचालन करते हुए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सीएचओ राघवेंद्र कुमार ने वहां मौजूद लोगों को बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, और इससे निबटने के लिए हम सभी को आगे आना होगा. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. सावधानी और एमसीए अभियान के दौरान दवा खाकर उसे रोका जा सकता है. पंचायत को बनायेंगे फाइलेरिया मुक्त मंच की अध्यक्षता कर रहे बेनसागर पंचायत के मुखिया अनिल कुमार सिंह ने कहा कि पंचायत में विकास के साथ लोगों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना भी जनप्रतिनिधियों का दायित्व है. उनके द्वारा लगातार लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के प्रति जागरूक किया जा रहा है. मुखिया ने कहा कि अपने पंचायत को फाइलेरिया मुक्त बनाने में हर संभव स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करेंगे. मौके पर सीफार प्रतिनिधि विशाल चौहान आदि मौजूद थे.
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