Bihar Crime: सासाराम. बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की कार्रवाई एक बार फिर चर्चा में है. गुरुवार को दावथ अंचल कार्यालय में की गयी छापेमारी में राजस्व कर्मचारी कन्हैया कुमार और उसके सहयोगी दलाल सुनील कुमार सिंह को 18 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया. यह घटना केवल भ्रष्टाचार की नहीं, बल्कि “जोड़ी में घूसखोरों” के पकड़े जाने के एक अनूठे सिलसिले का हिस्सा बन गयी है. इसी माह 19 जून 2025 को बिक्रमगंज के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुधीरकांत शर्मा और उनके लेखा सहायक सुभाष कुमार को एक साथ घूस लेते पकड़ा गया था. ठीक सात दिन बाद, 26 जून 2025 को फिर दो भ्रष्टाचारियों की गिरफ्तारी हुई.
चार बार दो-दो की गिरफ्तारी, कुल नौ भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा
बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र में अब तक निगरानी की कुल पांच कार्रवाई हो चुकी हैं, जिनमें से चार बार दो-दो घूसखोरों को एक साथ गिरफ्तार किया गया है. अब तक कुल नौ सरकारी कर्मचारी और जनसेवक घूसखोरी के आरोप में पकड़े जा चुके हैं.
पिछली प्रमुख कार्रवाइयां इस प्रकार हैं-
वर्ष 2013 : सूर्यपुर प्रखंड के शिवोबहार पंचायत की सरपंच संजू देवी और उपसरपंच विजयमल यादव को एक साथ गिरफ्तार किया गया.
24 मार्च 2023 : दावथ के चकबंदी कार्यालय में कार्रवाई कर चकबंदी पदाधिकारी सुशील कुमार और कार्यालय भवन के मकान मालिक अजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया.
19 जून 2025 : बिक्रमगंज बीईओ सुधीर कांत शर्मा और उनके लेखा सहायक सुभाष कुमार की गिरफ्तारी.
26 जून 2025 : दावथ अंचल में राजस्व कर्मचारी कन्हैया कुमार और दलाल सुनील कुमार सिंह की गिरफ्तारी.
पहला एकल शिकार 2008 में
निगरानी की कार्रवाई में 2008 में दिनारा प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी वंश नारायण प्रसाद अकेले पकड़े गये थे.
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