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वज्रपात से बचाव को लेकर आपदा प्रबंधन ने जारी की गाइडलाइन

SASARAM NEWS.वज्रपात से बचाव को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने गाइडलाइन जारी की है. अगर प्रखंडवासियों इस गाइडलाइन का पालन करें तो वज्रपात से मरनेवालों की संख्या कम की जा सकती है. इस बारे में प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रियंका कुमारी ने बताया कि आपदा प्रबंधन का गाइडलाइन मानकर कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है.

लोगों से बारिश के समय जारी गाइडलाइंस को पालन करने की अपील

प्रतिनिधि, चेनारी

वज्रपात से बचाव को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने गाइडलाइन जारी की है. अगर प्रखंडवासियों इस गाइडलाइन का पालन करें तो वज्रपात से मरनेवालों की संख्या कम की जा सकती है. इस बारे में प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रियंका कुमारी ने बताया कि आपदा प्रबंधन का गाइडलाइन मानकर कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है. आपदा प्रबंधन से बताया गया है कि खुले मैदान में ऊंची चीजों मसलन बड़े वृक्ष, बिजली के खंभे, पहाड़ी, इमारत आदि पर ठनका गिरने की अधिक आशंका रहती है. इसके गिरने की जगह से 100 फुट की दूरी तक घातक हो सकती है. इसलिए कोशिश करें कि बारिश और तेज गरज के समय खुले मैदान में न रहें. अगर आप खेत में काम कर रहे हों व आसपास घर न हो तो जहां हैं, वहीं पैर सटाकर बैठ जाएं. खड़े बिल्कुल भी न रहें और न ही लेटें. खेत में कोई गड्ढा या निचली जगह जैसा कुछ हो तो वहां पनाह लें. जारी गाइडलाइन के अनुसार, अगर कार से जा रहे हैं और बिजली कड़कने लगे तो कार के अंदर ही दरवाजा बंद करके बैठे रहें, क्योंकि बिजली कार पर गिरेगी तो उसकी ऊपरी सतह से होते हुए सीधे जमीन में चली जायेगी. धारा प्रवाह का नियम है कि किसी मेटल की खोखली वस्तु की ऊपरी सतह पर ही बिजली होती है. कोशिश करें कि कार रोककर साइड में लगाकर खिड़की और शीशे बंद करके अंदर ही बैठे रहें. यह सबसे अच्छा रहेगा. साइकिल या मोटरसाइकिल से जा रहे हों तो उतरकर उनसे दूर कहीं बैठ जाएं.

छतरी के धातु भी करते हैं बिजली आकर्षित

गाइडलाइन के अनुसार, अगर आप बाहर हैं और बारिश से बचने के लिए हाथ में छाता है, तो खोले नहीं. छाता में उपयोग हुए धातु भी बिजली को आकर्षित कर सकता है. घर के सारे बिजली के स्विच बंद कर लें. क्योंकि टीवी, बल्ब और कुछ उपकरण खराब न हो. कोशिश करें कि मेटल के नल से भी दूर रहें. इस समय अगर आप पुल, नदी, झील में हों, तो तुरंत बाहर निकलकर घर में आ जाएं या आने का मौका न हो तो निकलकर किसी जगह बैठ जाएं. जंगल में हैं तो झाड़ियों व पेड़ों से दूर जाकर बैठ जाएं.

थंडरस्ट्रोम नमी, अस्थिर हवा से बनती है: अरविंद कुमार

भूगोल के प्राध्यापक अरविंद कुमार हैं कि थंडरस्ट्रोम एक अल्पकालिक मौसम की अव्यवस्था है, जिसमें बिजली, भारी बारिश, गरज, तेज हवा चलती है. यह एक प्रकार के बादलों में होता है, जिसे क्यूम्यलोनिंबस के रूप में जाना जाता है. तेज थंडर स्ट्रोम, सबसे खतरनाक मौसम संबंधी घटनाओं का परिणाम है. कुछ थंडरस्ट्रोम के साथ बवंडर भी आ सकते हैं. सबसे अधिक गर्मी और वसंत के महीनों में इसके होने की संभावना होती है. थंडरस्ट्रोम नमी, अस्थिर हवा से बनती है.

क्यों होता है वज्रपात

वज्रपात वायुमंडल के ठंडे क्षेत्रों में गर्म, नम हवा के तेजी से ऊपर की ओर बढ़ने के कारण होता है. जैसे ही नम हवा ऊपर की ओर बढ़ती है, यह ठंडा, संघनित होकर एक कूलम्बिम्बस बादल बनता है और 20 किमी. से अधिक की ऊंचाई तक पहुंच जाता है, जो तेज गति से चलता है. वातावरण में तेज ठंडी हवा जमीन से टकराती है. इस समय में बिजली के चार्ज बादल के कणों पर रहते हैं.जब चार्ज अधिक हो जाता हैं, तो प्रकाश होता है, जो हवा को गर्म करती है और तीव्र रूप से उत्पन्न होने वाली बिजली के तरंग गरज के रूप में सुनाई देता है.

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