चेनारी. अगस्त माह की बारिश ने एक तरफ जहां मौसम को सुहावना बना रखा है, वहीं बच्चों के लिए बीमारियों का खतरा भी बढ़ा है. प्रखंड क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से बच्चों में वायरल फीवर, मलेरिया और डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है. शहर के सरकारी अस्पताल से लेकर निजी क्लीनिक तक मरीजों की भीड़ देखी जा रही हैं. प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में बच्चे बुखार, सिरदर्द, उल्टी और बदन दर्द की शिकायत के साथ इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इनमें अधिकांश मामलों में वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई है, जबकि कुछ बच्चों को मलेरिया और डेंगू ने भी अपनी चपेट में लिया है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है. प्रभावित इलाकों में फॉगिंग और दवा छिड़काव का कार्य शुरू कर दिया गया है. हालांकि, बारिश के कारण जगह-जगह जलजमाव और गंदगी फैली हुई है, जिससे मच्छरों का प्रकोप और अधिक बढ़ गया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अविनाश कुमार ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, उन्हें बारिश के पानी से दूर रखें और किसी भी लक्षण के दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें. उन्होंने कहा कि बरसात में थोड़ी सी सावधानी बच्चों को बड़ी बीमारियों से बचा सकती है. बच्चों को बरसात में बीमारियों से बचाने के उपाय:- साफ-सफाई का ध्यान रखें बच्चों के हाथ धुलवाएं, स्वच्छ पानी व भोजन दें. मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी, रिपेलेंट क्रीम और पूरे कपड़े पहनाना जरूरी. पौष्टिक आहार फल, सब्जी और साबुत अनाज से इम्युनिटी बढ़ती है. स्वच्छ पानी पिलाएं बच्चों को उबला या फिल्टर्ड पानी पिलाएं. बच्चों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर ले जाने से परहेज करें. गीले कपड़ों से बचाएं सर्दी-खांसी से बचने के लिए बच्चों को तुरंत सूखे कपड़े पहनाएं. किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय जांच कराएं बरसात में बच्चों को होने वाली सामान्य बीमारियां:- वायरल बुखार मौसम में बदलाव से खांसी, बुखार, जुकाम और शरीर दर्द. श्वसन संक्रमण सर्दी, खांसी और निमोनिया जैसे रोग वायरस/बैक्टीरिया से दस्त और उल्टी दूषित भोजन व पानी से फैलते हैं, जिससे निर्जलीकरण हो सकता है. डेंगू और मलेरिया मच्छरों के काटने से फैलते हैं, बुखार और कमजोरी का कारण बनते हैं. टाइफाइड संक्रमित भोजन व पानी से फैलता है, पेट दर्द और तेज बुखार होता है. फंगल संक्रमण बारिश की नमी के कारण त्वचा पर खुजली, दाने और लालिमा हो सकती है. ::::::::: सरकारी अस्पताल व निजी क्लीनिकों में मरीजों की देखी जा रही भीड़
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