बिक्रमगंज. बिक्रमगंज के काव नदी पुल के पास वार्ड 22 स्थित लाली किन्नर के घर में 29 जुलाई को हुई गोलीबारी की घटना में उसकी भूमिका को लेकर पुलिस ने गंभीर सवाल उठाये हैं. बिक्रमगंज थानाध्यक्ष ललन कुमार द्वारा 30 जुलाई को दर्ज प्राथमिकी (संख्या 520/25) में लाली किन्नर की कहानी को भ्रामक व सच्चाई से परे बताया गया है. प्राथमिकी के अनुसार, लाली ने दावा किया था कि गोली घर के बाहर गली में चली थी. लेकिन, पुलिस जांच में यह दावा झूठा पाया गया. थानाध्यक्ष ने बताया कि लाली के शयनकक्ष के बेड पर खून के धब्बे पाये गये, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि गोली कमरे के अंदर चली थी. इसके अलावा उसी बेड से तीन पिस्टल के खोखे बरामद किये गये और बेडरूम के दरवाजे पर गोली के निशान भी मिले. जबकि, पुलिस ने गली से दो हथियार एक पिस्टल और एक कट्टा बरामद किये गये. इनमें कट्टा से एक जिंदा कारतूस भी मिला है. थानाध्यक्ष ने लाली की मानवीयता पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने लिखा कि घटना के बाद घायल पुरुषोत्तम कश्यप को लाली ने तत्काल अस्पताल पहुंचाया, जबकि गंभीर रूप से घायल विकास कुमार को उसी के घर में बंद कर दिया गया. जब पुलिस ने कमरे में बंद विकास से पूछताछ की, तो उसने बताया कि उसे गोली पुरुषोत्तम कश्यप ने मारी है. पुलिस द्वारा विकास कुमार को तत्काल इलाज के लिए भेजा गया, जहां से उसे सासाराम होते हुए वाराणसी रेफर किया गया है. फिलहाल वह वहीं इलाजरत है. वहीं, पुरुषोत्तम कश्यप बिक्रमगंज के एक निजी अस्पताल में पुलिस अभिरक्षा में भर्ती है. थानाध्यक्ष ललन कुमार ने अपनी प्राथमिकी में स्पष्ट किया है कि लाली किन्नर की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है और पूरे मामले की गहनता से जांच जारी है.
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