सासाराम कार्यालय. डेहरी-रोहतास लाइट रेलवे लिमिटेड की भूमि को लेकर मूल मालिकों व वर्तमान में काबिज लोगों के बीच टकराहट होने लगी है. लाइट रेलवे की करीब 6.27 एकड़ भूमि पर से अवैध कब्जा हटाने के लिए मूल मालिकों (जो अभी भी भूमि का टैक्स जमा कर रहे हैं) ने रविवार को बैठक की, जिसमें अपनी मांगों को प्रशासन व सरकार के समक्ष रखने का निर्णय लिया. बैठक के संबंध में रितेश कुमार ने बताया कि लाइट रेलवे की करीब 6.27 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा दूसरे लोगों ने किया है. अधिकांश ने फर्जी दस्तावेज के सहारे हमारी भूमि पर कब्जा कर लिया है. जबकि, वर्तमान में भी हम लोग भूमि का रेंट दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि सासाराम अंचल के धनपुरवा रेलवे गुमटी के पास खाता संख्या 193 में कुछ लोग आवास बना चुके हैं और कुछ आवास बनाने की तैयारी में हैं. उन्होंने कहा कि वैध दावेदारों को भूमि हस्तांतरित कराने को लेकर पहले से चरणबद्ध संघर्ष चल रहा है. जिला प्रशासन को अवैध निर्माण पर रोक लगाने, फर्जी दस्तावेज रद्द करने और भूमि से अतिक्रमण हटाकर मूल मालिकों को हस्तांतरित करने की मांग का ज्ञापन सौंपा जा चुका है. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जो टकराहट का कारण बन रहा है. उन्होंने कहा लाइट रेलवे ने हमारे पूर्वजों को करीब 6.27 एकड़ भूमि वार्षिक किराया और रॉयल्टी के आधार पर पट्टे पर दिया था. उक्त भूमि को ना बेचा गया और ना किसी को ट्रांसफर किया गया. बावजूद इसके कुछ लोग फर्जी एमओए व सुधार पर्ची दिखाकर वहां अवैध निर्माण कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस भूमि से संबंधित न्यायालय में 9/88 वाद चल रहा था, जिसमें न्यायालय ने कागजातों को फर्जी घोषित किया था. बार-बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होने से लोगों में असंतोष बढ़ता जा रहा है. मौके पर रविंद्र कुमार सिंह, जितेंद्र कुमार, राजेंद्र सिंह, संतोष कुमार, धनंजय सिंह, प्रशांत कुमार, श्री राम सिंह, जोगेंद्र सिंह, विनोद कुमार, दीपक कुमार, सुजीत कुमार, कृष्ण कुमार, सिपाही सिंह, रामजी सिंह, देवनंदन प्रसाद सिंह, भोला सिंह, वकील सिंह, रविकांत सिंह, उपेंद्र कुमार आदि शामिल थे. लोगों की प्रमुख मांगें: -डेहरी-रोहतास लाइट रेलवे लिमिटेड को पट्टे पर दी गयी भूमि से सभी अवैध कब्जा हटाने. – सभी विवादित सुधार पर्चियों, फर्जी नक्शों और संपत्ति आइडी को रद्द करने — बिहार राजपत्र संख्या 44 (नया), 28 मार्च 1988 के अनुसार भूमि की वापसी सुनिश्चित करने — दोषी अधिकारियों और भूमि माफियाओं पर कानूनी कार्रवाई करने — विवादित दस्तावेजों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने
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