पूछताछ करने गयी पुलिस के खिलाफ बिक्रमगंज बार एसोसिएशन, आंदोलन की तैयारी
एसडीएम को खाद के लिए वकील ने सुनाई खरी-खरी, प्राथमिकी दर्ज
प्रतिनिधि, बिक्रमगंज.
जिले में खाद (यूरिया व डीएपी) के लिए टकराहट शुरू हो गयी है. बुधवार को बिक्रमगंज एसडीएम को किसान सह वकील ने खरी-खरी सुना दी, तो मामला थाना तक पहुंच गया. प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस सक्रिय हुई, तो बिक्रमगंज बार एसोसिएशन सामने आ खड़ा हुआ. यानी खाद के लिए सिविल, पुलिस प्रशासन और वकील आमने सामने आ गये हैं. इस प्रकरण को लेकर एसडीएम प्रभात कुमार ने काराकाट थाना में लिखित आवेदन दिया है, जिसमें कहा है कि 23 जुलाई की सुबह 8:31 बजे सरकारी मोबाइल नंबर पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को किसान बताया और खाद की मांग करते हुए दबाव बनाने की कोशिश की. उससे जब नियमानुसार खेत का कागजात भेजने को कहा गया, तो फोन करने वाले ने पहले तो हामी भरी. लेकिन, कुछ ही देर बाद गाली-गलौज पर उतर आया. मैंने इसकी शिकायत लिखित रूप में काराकाट थाना को दी है. इधर, एसडीएम के आवेदन के संबंध में काराकाट थानाध्यक्ष भागीरथ कुमार ने बताया कि एसडीएम के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू की गयीया, तो मोबाइल नंबर थाना क्षेत्र के नान्हों गांव निवासी योगेंद्र सिंह का निकला. जो, पेशे वकील हैं. मैं और बीडीओ काराकाट राहुल कुमार बिक्रमगंज कोर्ट परिसर में गए, जहां उनके टेबल पर योगेंद्र सिंह के संबंध में जानकारी मांगी गई. वहां बैठे अधिवक्ताओं ने कुछ जानकारी होने से इंकार किया, तो मैं और बीडीओ वापस पर लौट पड़े. इधर अधिवक्ता योगेंद्र सिंह के साथी सुधांशु कुमार ने पुलिस के इस रवैये से क्षुब्ध हो इसकी शिकायत अपने बार एसोसिएशन में की है. इस संबंध में एसोसिएशन के महासचिव रवि रंजन कुमार ने कहा कि पुलिस का यह रवैया सही है. उसे पूछताछ करनी थी, तो उनके घर जाना चाहिए था. यह गंभीर मामला है. इसकी शिकायत जिला जज से की जाएगी. इधर अधिवक्ताओं की शिकायत पर काराकाट थानाध्यक्ष ने कहा कि मैं न्यायालय का सम्मान करता हूं. मुझे कोर्ट परिसर कैसे जाना चाहिए, इसकी जानकारी है. मैं सिर्फ उनके संबंध जानना चाह रहा था कि वे अधिवक्ता हैं या नहीं.
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