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Sasaram News : पुलिस प्रशासन की कार्रवाई के विरुद्ध तीन घंटे तक कलेक्ट्रेट का किया घेराव

शहर के कुशवाहा भवन से सैकड़ों की संख्या में किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने माले सचिव अशोक बैठा के नेतृत्व में धर्मशाला मोड़, पोस्ट ऑफिस चौराहा, करगहर मोड़, कचहरी होते हुए आक्रोश मार्च निकाला

सासाराम ग्रामीण. जिले के दिनारा थाना क्षेत्र अंतर्गत बेलवइया गांव में गत गुरुवार को जमीन विवाद में हुई हिंसक घटना के पश्चात पुलिस-प्रशासन की कथित दमनिया कार्रवाई को लेकर अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा (एआइकेएमएस) व भाकपा माले ने शुक्रवार को जन आक्रोश मार्च निकाला. शहर के कुशवाहा भवन से सैकड़ों की संख्या में किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने माले सचिव अशोक बैठा के नेतृत्व में धर्मशाला मोड़, पोस्ट ऑफिस चौराहा, करगहर मोड़, कचहरी होते हुए आक्रोश मार्च निकाला तथा जिला समाहरणालय का घेराव कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. उसके बाद कलेक्ट्रेट के गेट पर धरना पर बैठ गये. धरना करीब तीन घंटे तक चलता रहा. वहीं, कलेक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मांग की कि तत्काल सभी गिरफ्तार निर्दोष लोगों को प्रशासन रिहा करे तथा गोली चलाने वाले के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित हो. विरोध-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए अशोक बैठा ने कहा कि भूमि विवाद मामले में पुलिस प्रशासन झूठ बोल रही है. भू-धारी के पक्ष में हाइकोर्ट का कोई फैसला नहीं है, बल्कि अपर समाहर्ता ने सामंतों के साथ मिलकर उनके पक्ष में फैसला दिया है. इसकी जानकारी सभी पर्चा धारियों को आज तक नहीं दी गयी. उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार अगर पर्चा किसी कोर्ट द्वारा रद्द किया गया है, तो प्रशासन को पहले पर्चा वापस लेने के लिए नोटिस देना चाहिए था और इसके बाद भूधारी को प्रशासन दखल कब्जा दिलाती, लेकिन प्रशासन द्वारा ऐसा नहीं कराया गया. आक्रोश मार्च में सुरेंद्र पासवान, अनिल गुप्ता, राजेश कुमार साह, विकास राम, डॉ राधेश्याम चंद्रवंशी, मुनेश्वर गुप्ता, राम सकल पासवान, गोरख राम, कामेश्वर पासवान, राहुल दुसाध, श्याम सुंदर, सोनू दबंग, कन्हैया राम, गौरी राम, शिवपूजन राम, शिवकुमार राम, शिवपरसन बैठा आदि शामिल थे. जीटी रोड जाम करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित इधर, समाहरणालय के समक्ष सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुरानी जीटी रोड को पूरी तरह जाम कर दिया. इससे शहर की यातायात व्यवस्था ठप पड़ गयी. शहर के बौलिया मोड़ से लेकर फजलगंज तथा लालगंज नहर तक वाहनों की लंबी लंबी कतारें लग गयीं और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. इसमें स्कूली बच्चे भी फंसे रहे. दरअसल, प्रदर्शनकारियों ने करीब तीन घंटे तक शहर की यातायात व्यवस्था को बाधित रखा और स्कूली बच्चे, एंबुलेंस, अधिकारी, वाहन चालक व आम जनता इस भीषण जाम से कराहती रही. इसके कारण करगहर मोड़ से पोस्ट ऑफिस चौक तक उतरी लेन पूरी तरह बंद कर दिया गया. सड़क के दक्षिणी लेन पर वाहनों की लंबी कतारें लग गयी. पुलिस फोर्स की रही तैनाती हालांकि, सड़क जाम और विरोध प्रदर्शन की सूचना पर तत्काल सदर एसडीएम आशुतोष रंजन व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी -1 दिलीप कुमार ने खुद मोर्चा संभाल लिया और समाहरणालय के समझ अतिरिक्त पुलिस बल भी लगाये गये, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके. इस दौरान अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को आश्वासन देते हुए सड़क से हटाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन लोग राजी नहीं हुए. प्रदर्शनकारी लगातार पुलिस प्रशासन के खिलाफ व अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाते रहे. डीएम व एसपी ने गलती को किया स्वीकार : अशोक बैठा प्रदर्शन कर रहे एआइकेएमएस के बैनर तले आक्रोश मार्च का नेतृत्व करते अशोक बैठा ने डीएम व एसपी से वार्तालाप किया. उसके बाद जब उन्होंने वार्तालाप कर वापस लौटे, तो अपने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि दिनारा के बेलवईयां गांव में इस तरह की एकतरफा कार्रवाई को पुलिस ने अपनी गलती स्वीकार की है. इसकी निष्पक्षता से जांच के लिए आश्वासन मिला है. यदि जांच में निर्दोष लोगों को मुक्त नहीं किया गया, तो आगामी दस सितंबर को सासाराम में पूरजोर आंदोलन होगा. और निर्दोष लोगों को न्याय दिलाने का कार्य किया जायेगा.

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