चेनारी. चेनारी प्रखंड क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में सामान्य बुखार की सबसे जरूरी मानी जाने वाली दवा पेरासिटामोल सहित कई आवश्यक दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. छह महीने से चेनारी नगर पंचायत स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और आसपास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में दवाओं की भारी कमी है. मरीजों को बाहर से दवा खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है. मरीजों के अनुसार, पेरासिटामोल की जगह चिकित्सक ब्रूफेन और अन्य वैकल्पिक दवाएं दे रहे हैं, लेकिन इनसे राहत नहीं मिल रही. कुछ मरीजों को इलाज के लिए दवा बाजार से खरीदनी पड़ रही है. सीएचसी के ओपीडी में 206 दवाओं की जगह मात्र 130 दवाएं उपलब्ध हैं, वहीं इमरजेंसी में 55 में से केवल 50 दवाएं हैं. अस्पताल में दवा काउंटर पर लंबी कतारें, हाथ लगी मायूसी अस्पताल में दवा काउंटर पर मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं, लेकिन वहां से दवा नहीं मिलने से उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. भगवान गुप्ता और रमन कुमार जैसे मरीजों ने बताया कि उन्हें बुखार है और दो दिनों से अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं, पर पेरासिटामोल नहीं मिल रही. वैकल्पिक दवाएं असर नहीं कर रही हैं, अंततः बाहर से दवा लेनी पड़ी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के नाम पर बड़ी राशि खर्च की जा रही है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में यह प्रयास नाकाम साबित हो रहा है. दवाओं की कमी मरीजों के इलाज में सबसे बड़ी बाधा बन गयी है. बोले अधिकारी— –पीएचसी प्रभारी डॉ अविनाश सिंह ने बताया कि अब दवाओं की आपूर्ति जिला के बजाय सीधे पटना को डिमांड भेजकर की जाती है. तीन-तीन महीने के लिए दवा भेजी जाती है. अगर डिमांड समय से नहीं गयी या सप्लाई में देरी हुई तो दवाएं नहीं पहुंच पातीं. –सिविल सर्जन डॉ मणीराज रंजन ने बताया कि जिले के सेंट्रल स्टोर में पेरासिटामोल उपलब्ध है. हाल में सप्लाई वाहनों की हड़ताल के कारण अस्थायी समस्या आयी थी. बीसीएच से मामले की जानकारी ली जायेगी. :::::::::::: छह माह से बुखार की सामान्य दवा नहीं, बाहर से मरीज खरीदने को विवश स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल रही दवाओं की किल्लत, अधिकारी नयी व्यवस्था को बता रहे वजह सीएचसी के ओपीडी में 206 में मात्र 130 दवाएं उपलब्ध
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