सीतामढ़ी. पीएचसी, डुमरा में चिकित्सक व कर्मियों के द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं/कार्यक्रमों को एक तरह से मजाक बना दिया गया है. अधिकांश कर्मी गंभीर नहीं है. पीएचसी प्रभारी की रिपोर्ट के कर्मियों की गंभीर लापरवाही उजागर हुआ है. इसको लेकर प्रभारी द्वारा दोषियों से जवाब भी मांगा गया है. संबंधित कर्मियों के योजनाओं/कार्यक्रमों के प्रति गंभीर नहीं रहने के ही चलते डुमरा पीएचसी को संस्थागत प्रसव में मात्र 18 फीसदी उपलब्धि है. खास बात यह कि डॉक्टर व कर्मियों की लापरवाही को सीएस व पीएचसी प्रभारी ने नहीं, बल्कि डीएम रिची पांडेय ने पकड़ी है. — किस कर्मी की क्या है लापरवाही बताया गया है कि प्रसव पूर्व जांच का जिम्मा पीएचसी से जुड़े एएनएम का है. यह जांच लक्ष्य से काफी पीछे है. संस्थागत प्रसव के मामले में मई- 25 तक मात्र 18 फीसदी उपलब्धि है. गत दिन डीएम पांडेय ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की थी. उसी दौरान डीएम ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रति कर्मियों के संवेदनशील नहीं होने की बात पकड़ी थी. उनके निर्देश पर डुमरा पीएचसी प्रभारी ने चिकित्सक व संबंधित कर्मियों को अपने दायित्वों का निर्वहन कर लक्ष्य हासिल करने व जुलाई में होने वाली समीक्षा बैठक से दो दिन पूर्व ही रिपोर्ट उपलब्ध करने को कहा है. — किन कर्मियों की क्या है उपलब्धि पीएचसी में लैब जांच का कार्य मनोज मधुकर करते है, उनकी उपलब्धि मानक के अनुसार न्यून है. वहीं, डीबीटीएमएस इंट्री का कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया है. यह काम रौशन कुमार व कुणाली का है. गर्भ निरोधन साधन व उत्प्रेरण में भी प्रगति धीमी है. यह कार्य रश्मि रंजन सिंहा व विकास कुमार के जिम्मे है. भासर व हरसिंगपुर में भाईटल जांच नियमित नहीं हो पा रही है. इसके लिए रेणु कुमारी व पिंकी कुमारी को दोषी माना गया है. निजी नर्सिंग होम में हुए प्रसव का प्रतिवेदन अप्राप्त रहने व पोर्टल पर इंट्री नहीं किए जाने को लेकर सुजीत कुमार को जिम्मेवार माना गया है. समय पर ओपीडी प्रारंभ नहीं करने से मरीजों की संख्या में गिरावट के लिए सभी चिकित्सा पदाधिकारी को, तो मानक के अनुरूप अस्पताल की साफ-सफाई नहीं होने के लिए कर्मी पूजा कुमारी को जिम्मेवार माना गया है. उक्त सभी कर्मियों को प्रभारी ने पत्र भेज कर लक्ष्य हासिल नहीं करने पर वेतन भुगतान बंद करने व अनुशासनिक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट कर देने की चेतावनी दी है.
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