पुपरी. कृषि विज्ञान केंद्र बलहा मकसूदन सीतामढ़ी द्वारा वर्ष 2023 से अनुमंडल क्षेत्र के पिपराढ़ी गांव में जलवायु अनुकूल तकनीकों का डेमोस्ट्रेशन किया जाता रहा है. बताया गया कि इस तकनीक में विभिन्न फसलों की जलवायु अनुकूल प्रभेद, मलचिंग, खेतों में बिना जुताई किये फसलों की बुवाई, दुधारू पशुओं में तनाव आदि प्रमुख गतिविधियां है. इसी क्रम में आत्मा, सीतामढ़ी के परियोजना उप निदेशक रजनीकांत भारती, केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ राम ईश्वर प्रसाद, उद्यान वैज्ञानिक मनोहर पंजीकार, एसआरएफ लालता प्रसाद वर्मा एवं पिपराढ़ी गांव के किसानों द्वारा संयुक्त रूप से फसलों का जायजा लिया गया. इस दौरान सर्वप्रथम किसान राजकुमार महतो के खेत पर गेहू की जलवायु अनुकूल प्रभेद सबोर निर्जल का अवलोकन किया गया. वैज्ञानिकों ने कहा कि इस प्रजाति की प्रमुख विशेषता है कि इसमें पानी की आवश्यकता अन्य प्रजातियों की तुलना कम होती है. गेहूं के दानों की संख्या भी अधिक होती है. उप परियोजना निदेशक ने कहा कि इस माध्यम से किसान कम खर्च में बेहतर उत्पादन करते हैं. इसके बाद नवल महतो के खेत में परवल की खेती में मलचिंग अवलोकन किया गया व बेहतर परिणाम देखा गया. एसआरएफ लालता प्रसाद वर्मा ने बताया कि पिपराढ़ी गांव में धान की जलमग्न प्रभेद स्वर्णा सब 1 का डेमोंस्ट्रेशन पिछले तीन वर्षों से किया जा रहा है, जिसका परिणाम काफी बेहतर मिला है. इस प्रजाति की प्रमुख विशेषता है कि खेत में एक सप्ताह तक दो से तीन फिट जल जमाव का कोई प्रभाव नहीं होता है एवं उपज भी अन्य प्रजातियों की तुलना में बेहतर होती है.
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