सीतामढ़ी. प्रभात खबर द्वारा ””साइबर अपराध और उससे बचाव”” के विषय पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. नगर के मेला रोड स्थित न्यू चिल्ड्रेन एकेडमी स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चे उत्साहित दिखे. इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूली बच्चों को तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करना और उन्हें इनसे सुरक्षित रहने के तरीकों के बारे में जानकारी देना था. कार्यक्रम के दौरान प्रभात खबर के प्रतिनिधियों एवं तकनीकी जानकार ने बच्चों से साइबर अपराधों को लेकर उनकी जानकारी के बारे में पूछा. कुछ बच्चों ने जवाब दिया तो कई बच्चों ने इससे संबंधित सवाल किया. स्कूल के प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों ने बच्चों को साइबर सुरक्षा से जुड़ी आवश्यक जानकारियां साझा की. उन्होंने बच्चों को ऑनलाइन गतिविधियों के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों, सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत अपने शिक्षकों या अभिभावकों को देने के महत्व के बारे में बताया.
— उत्साहित बच्चों ने बेवाक होकर पूछा सवाल
1. कोई अनजान व्यक्ति सोशल मीडिया पर दोस्ती करने की कोशिश करे तो क्या करना चाहिए? – मानसी कुमारी, कक्षा 8.
जवाब : कभी भी अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करनी चाहिए और न ही अपनी निजी जानकारी जैसे नाम, पता, या स्कूल का नाम उनके साथ साझा करना चाहिए. ऐसे किसी भी प्रयास के बारे में तुरंत अपने माता-पिता या शिक्षक को बताएं.
2. साइबर बुलिंग क्या है और कोई ऑनलाइन परेशान करे तो क्या करें? – सोनाली कुमारी, कक्षा 8जवाब : ऑनलाइन माध्यम से किसी को धमकाना या परेशान करना साइबर बुलिंग हैं. ऐसा होने पर तुरंत किसी वयस्क को बताएं. कभी भी साइबर बुलिंग का जवाब उसी तरह से नहीं देना चाहिए.
जवाब : ऐसी स्थिति में तुरंत अपने डिवाइस का इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दें. फ्रॉड होने की स्थिति में 1930 नंबर पर शिकायत करें. डिवाइस को समय समय पर एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर से स्कैन करें.
4. ऑनलाइन गेम खेलते समय हमारी व्यक्तिगत जानकारी मांगे तो क्या करना चाहिए? – रौनक कुमार, कक्षा 8.जवाब : ऑनलाइन गेम में अपनी व्यक्तिगत जानकारी देना सुरक्षित नहीं है. यदि कोई गेम ऐसी जानकारी मांगता है, तो उन्हें तुरंत खेलना बंद कर देना चाहिए. ऐसे गेम डेटा की चोरी कर सकते हैं.
5. फ़िशिंग क्या होता है. हम इससे कैसे बच सकते हैं? – अंकिता कुमारी, कक्षा 8.जवाब: ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे ई-मेल या संदेश भेजकर लोगों से उनकी गोपनीय जानकारी, पासवर्ड या बैंक विवरण चुराने की कोशिश करना फिशिंग कहलाता है. अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करें. https:// से शुरू होने वाले वेबसाइट सुरक्षित होते हैं.
— बच्चों और शिक्षकों ने दी सकारात्मक प्रतिक्रियाकार्यक्रम के समापन के बाद बच्चों और शिक्षकों ने अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की. प्राचार्य सुशील कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम निश्चित रूप से बच्चों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने और उन्हें एक सुरक्षित डिजिटल भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. बच्चों ने कहा कि उन्हें साइबर अपराधों के बारे में नई और महत्वपूर्ण जानकारी मिली है, जिससे वे अब ऑनलाइन दुनिया में अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे. शिक्षक गौतम कुमार, नीतीश कुमार व चंद्र प्रकाश ने इस कार्यक्रम को समय की आवश्यकता बताया और आशा व्यक्त की कि यह बच्चों को साइबर अपराधों से बचाने में कारगर साबित होगा.
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