सीतामढ़ी. ”प्रभात खबर आपके द्वार” कार्यक्रम के दौरान शहर के नगर निगम वार्ड संख्या 14 की गंभीर समस्याएं सामने आयीं. यह वार्ड शहर के बीचों बीच स्थित एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें व्यस्ततम सड़कें, व्यावसायिक और रिहायशी इलाके शामिल हैं. लगभग 12 हजार की आबादी और पांच हजार मतदाताओं वाले इस वार्ड में नगर उद्यान, सदर अस्पताल, नगर निगम कार्यालय, गोयनका कॉलेज और गुदरी बाजार मां अंबे महारानी स्थान, राजेंद्र भवन, ललित आश्रम, श्री लक्ष्मी हाइस्कूल जैसे महत्वपूर्ण संस्थान स्थित है. इसके अतिरिक्त, रिंग बांध और लक्ष्मणा नदी के किनारे बसे कई मोहल्ले भी इसी वार्ड का हिस्सा है. शहर का महत्वपूर्ण इलाका होने के बावजूद, वार्ड नंबर 14 बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है. निवासियों का आरोप है कि नगर निगम और वार्ड पार्षद की लापरवाही के कारण उन्हें आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. मेन रोड, हॉस्पिटल रोड और अन्य प्रमुख सड़कों पर अतिक्रमण एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जिससे यातायात बाधित होता है. नालियों की उचित व्यवस्था न होने के कारण जलजमाव आम बात है, और साफ-सफाई की व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं है. कई क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट न होने से रात में अंधेरा छाया रहता है, जिससे लोगों को परेशानी होती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद वार्ड पार्षद और नगर निगम उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. जबकि उनसे नियमित रूप से टैक्स वसूला जाता है, सुविधाओं के नाम पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. डोर-टू-डोर कचरा उठाने की व्यवस्था भी सुचारू रूप से नहीं चल रही है. निवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव जीतने के बाद वार्ड पार्षद क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं. नगर निगम के उच्च अधिकारी भी क्षेत्र का दौरा नहीं करते हैं, जिससे वे जमीनी हकीकत से अनजान बने रहते हैं.
— मोहल्ले में अंधेरा और ध्वस्त नालों से नागरिक परेशान
— नवनिर्मित सार्वजनिक शौचालय क्षतिग्रस्त
नगर निगम के स्वच्छता अभियान ””””स्वच्छ सीतामढ़ी, सुंदर सीतामढ़ी”””” की जमीनी हकीकत उस समय सामने आ गयी, जब पार्क के मुख्य द्वार के सामने नवनिर्मित सार्वजनिक शौचालय कुछ ही हफ्तों में बुरी तरह क्षतिग्रस्त पाया गया. विडंबना यह है कि शौचालय से सटे दीवार पर ही स्वच्छता अभियान का नारा बड़े अक्षरों में अंकित है, जो व्यवस्था की लापरवाही का मुंह चिढ़ाता प्रतीत होता है. स्थानीय लोगों के अनुसार, लगभग एक माह पूर्व ही इस सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया. इसका उद्देश्य पार्क में आने वाले लोगों और आसपास के राहगीरों को सुविधा प्रदान करना था. लेकिन, वर्तमान स्थिति देखकर ऐसा लगता है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया या फिर असामाजिक तत्वों ने इसे क्षति पहुंचाई है. बनने के बाद से एक बार भी सफाई नहीं की गयी. उनका कहना है कि एक तरफ तो शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के दावे किए जा रहे हैं, वहीं, दूसरी तरफ सार्वजनिक सुविधाओं की इस तरह अनदेखी की जा रही है. क्या सिर्फ दीवारों पर नारे लिख देने से शहर स्वच्छ और सुंदर बन जाएगा? आवश्यकता है धरातल पर काम करने और निर्मित सुविधाओं की नियमित देखभाल करने की.— नगर निगम कार्यालय के नाक के नीचे अतिक्रमण का बोलबाला
— कहते हैं लोग
नहीं सुनते वार्ड के प्रतिनिधि
पारस कुमार सिंह, बाटा गली रोड : नगर निगम लोगों की सुविधा देने के लिए बनाया गया, लेकिन लोग बुनियादी सुविधा से वंचित है. वार्ड के प्रतिनिधि जनता की समस्या सुनने को तैयार नहीं है. यह मानसिकता विकास कार्य में बाधा डाल रही है.
बारिश में कीचड़ और गड्ढों से चलना मुश्किलगुंजन कुमार, रोजा अंसारी मोहल्ला : हमारे यहां नालियां सड़क के लेवल से काफी नीचे है. बारिश में तो कीचड़ और गड्ढों से चलना मुश्किल हो जाता है. कई बार शिकायत की, लेकिन नगर निगम के कर्मचारी ध्यान ही नहीं देते.
वार्ड में पानी की समस्या है विकरालसोनम कुमारी, हॉस्पिटल रोड : पानी की समस्या तो और भी विकराल है. सुबह और शाम सिर्फ थोड़ी देर के लिए पानी आता है, वह भी गंदा. पीने के पानी के लिए हमें दूर-दराज के हैंडपंपों पर निर्भर रहना पड़ता है.
वार्ड में साफ-सफाई बिल्कुल चौपटनीलम कुमारी, हॉस्पिटल रोड : साफ-सफाई व्यवस्था बिल्कुल चौपट है. गलियों में कूड़े के ढेर लगे रहते हैं, जिससे बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है. नगर निगम के सफाईकर्मी कभी-कभार ही दिखायी देते हैं.
मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट नहीं रहने से रहता है अंधेराअफान, छात्र : सड़कों पर अंधेरा छाए रहना तो आम बात हो गयी है. गली में स्ट्रीट लाइट की कमी होने के कारण रात के समय काफी आवागमन में काफी परेशानी जल्दी पड़ती है. घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है.
नालियों पर स्लैब नहीं, हर तरफ है अंदगीरमेश ठाकुर, रोजा अंसारी मोहल्ला निवासी : नालियों पर स्लैब नहीं रखा गया है. सफाई नियमित रूप से नहीं होती, जिसके कारण गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है. इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है.
एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगीसुनील कुमार व्याहुत, हॉस्पिटल रोड : एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगायी गयी है. खराब पड़ी लाइटों को खुद के पैसे से बनवाते हैं. रात में अंधेरा में छाया रहता है, जिससे चोरी और दुर्घटनाओं का डर बना रहता है.
नगर निगम में समस्याओंं का समाधान नहींरूपक कुमार सिंह, हॉस्पिटल रोड : होल्डिंग टैक्स तो समय पर लिया जाता है, लेकिन सुविधा शून्य है. कई बार नगर निगम कार्यालय में अपनी समस्याओं को लेकर शिकायत दर्ज करायी, लेकिन हर बार हमें सिर्फ आश्वासन ही मिला, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
हॉस्पिटल रोड में सड़क पर वाहन पार्किंग, परेशानीआशुतोष कुमार, हॉस्पिटल रोड : हॉस्पिटल रोड में सड़क पर वाहनों की जहां तहां पार्किंग और अतिक्रमण बरकार है. निगम प्रशासन कई बार अभियान चलाती है, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात वाली चरितार्थ हो रही है.
नियमित रुप से कचरा का नहीं होता उठावचिंटू कुमार, रोजा अंसारी मोहल्ला : मोहल्ले में नियमित रूप से कचरा उठाव नहीं हो रहा है, सड़क पर बिजली के खंभों पर खतरनाक विद्युत प्रवाहित तार का जाल है. स्ट्रीट लाइट की कमी है.
— बोले जिम्मेवारवार्ड नंबर 14 में अब तक लगभग ढाई से तीन करोड़ रुपये के विकास कार्य पूरे किए जा चुके हैं. हमारे वार्ड में बुजुर्गों के लिए पार्क रोड पर वृद्धाश्रम, आमजन की सुविधा के लिए राजेंद्र भवन में सार्वजनिक शौचालय और पीली कोठी व इनार, कुशवाहा कुटी में शौचालयों, पार्क के सामने टॉयलेट आदि कई कार्य संपन्न हुए हैं. साफ-सफाई के लिए स्टाफ नियमित रूप से नहीं आते, जिस कारण कभी-कभी असुविधा होती है. हमारे वार्ड में अस्पताल और मेडिकल हब होने के कारण मेडिकल वेस्ट अधिक निकलता है, जिससे गंदगी और अस्वास्थ्यकर माहौल बनने का खतरा रहता है. इस समस्या के समाधान के लिए हम प्रयासरत हैं. पार्क से लेकर वीर कुंवर सिंह चौक तक नाला निर्माण का कार्य जल्द ही शुरू होगा. इसके लिए वुडको द्वारा नाला का टेंडर बनाया जा रहा है. इसके साथ ही, पूरे वार्ड में स्ट्रीट लाइट लगाने की प्रक्रिया भी शीघ्र ही शुरू की जाएगी, जिससे रात में भी वार्ड जगमगाएगा.
लक्ष्मी देवी, वार्ड पार्षद.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है