सीतामढ़ी. नगर के लोहिया आश्रम में सोमवार को जेपी सेनानियों के संगठन ””””””””74 के लोग”””””””” के तत्वावधान में ””””””””आपातकाल के सबक”””””””” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता संगठन के संयोजक डॉ रमाशंकर प्रसाद ने की. संगोष्ठी में लोकतंत्र के सिकुरते दायरे पर चिंता जाहिर करते हुए 74 के लोग ने कहा कि लोकतांत्रिक शासन जनता पर शासन मात्र बनकर रह गया है और यह जनता का और जनता के लिए शासन अब तक नही बना है. आपातकाल जनता पर शासन के एक बुरे दौर की निशानी है. इसके बाद हुए चुनाव में इसे लागू करने वाली सत्ता की करारी पराजय आगे की हर राजसत्ता के लिए चेतावनी है. इसको लोकतंत्र के लिए जनता की अदम्य इच्छा के रूप में देखा जाना चाहिए. जेपी सेनानियों सहित अन्य सहभागियों ने लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि जनता की कार्रवाई के द्वारा सत्ता में निहित दमन की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सकता है. जेपी सेनानी डॉ ब्रजेश कुमार शर्मा ने विजय प्रवेश कराते हुए आपातकाल लागू करने को तानाशाही प्रवृति का परिचायक बताया. नागेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि शासकों ने आपातकाल से सबक मात्र यह लिया कि जनता की आवाज को किन तरीकों से अनसुना रखा जा सकता है. जरूरी है कि जनता की कारवाइयों को प्रभावी बनाने के नए तरीके खोजे और अमल में लाए जाएं. कार्यक्रम में जेपी सेनानी व वरिष्ठ अधिवक्ता विमल शुक्ला को लोक अभियोजक बनाये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त किया गया. इस मौके पर प्रो उमेशचंद्र झा, रमेश कुमार, भाई रघुनाथ, तेजनारायण यादव, अरुण गोप, अरुण कुमार श्रीवास्तव, गौरीशंकर शास्त्री, राजन गुप्ता, कृष्ण मोहन मिश्र, कौशल किशोर सिंह, शिव कुमार, ध्रुव कुमार मिश्र, रामप्रकाश खिरहर, योगेंद्र साह, सुरेंद पटेल, सुरेंद्र हाथी, जीतन महतो, अशर्फी महतो, रविंद्र पाण पांडेय, रामप्रवेश सिंह, मंचित पासवान, डॉ शशिरंजन कुमार, रमेश कुमार सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
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