सीतामढ़ी. रीगा चीनी मिल से जुड़े जिले के हजारों गन्ना किसानों का भुगतान वर्षों से अधर में लटका है. हालांकि अब भुगतान की उम्मीद जगी है. विभाग की पहल पर भुगतान के लिए डीएम रिची पांडेय के स्तर से ठोस कदम उठाया गया है. दरअसल, डीएम द्वारा इस पूरे समस्या के समाधान के लिए तीन सदस्यीय एक टीम गठित की गई है. टीम में गन्ना अधिकारी, मुजफ्फरपुर सौरभ कुमार सिन्हा, एसडीसी निशिकांत व रीगा चीनी मिल के वरीय गन्ना प्रबंधक अमरेंद्र कुमार सिंह शामिल हैं. बताया गया है कि तीन वित्तीय वर्षों का गन्ना का मूल्य बकाया है. करीब 16654 किसानों का 51.30 करोड़ बकाए का मामला सामने आया है.
— डीबीटी के माध्यम से होगा भुगतान
किसान सलाहकार व कृषि समन्वयक इसका गहन सत्यापन करेंगे कि सूची में शामिल किसान गन्ना की आपूर्ति करने वाले वास्तविक किसान है और उनका बकाया का दावा सही है. यह है देखेंगे कि दावेदार किसान जीवित हैं अथवा उनकी मृत्यु हो गयी है। यदि मृत्यु हो गयी है, तो मृत्यु प्रमाण-पत्र एवं उत्तराधिकारी प्रमाण-पत्र का सत्यापन कर समिति को उपलब्ध करायेंगे. डीएम ने कहा है कि यदि किसान का पूर्व में चीनी मिल का खाता फ्रीज होगा, तो उनसे खाता एवं विवरण प्राप्त कर उसमें राशि के भुगतान की अनुशंसा कर समिति को उपलब्ध कराएंगे.
— कहते है चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक
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