सीतामढ़ी. शहर के गोयनका कॉलेज मैदान में इन दिनों सुबह-सुबह युवतियों के सरपट दौड़ लगाते देखा जा सकता है. युवतियां प्रतिदिन घंटों तक दौड़ने, कूदने व वजन उठाने समेत अन्य शारीरिक अभ्यास करती है. वे अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए सहनशक्ति, गति व ताकत को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. वे शारीरिक प्रशिक्षण के साथ-साथ योग व ध्यान भी करती हैं, ताकि वे मानसिक रूप से भी मजबूत रह सकें. ट्रेनिंग कर रही युवतियों ने बताया कि वें अग्निवीर, बिहार पुलिस, होमगार्ड व एसएससीजीडी समेत अन्य डिफेंस परीक्षाओं में शामिल होने के लिए शारीरिक प्रशिक्षण करती है. प्रतिदिन सुबह 4 बजे से ही सैकड़ों की संख्या में लड़कियां मैदान में पहुंच जाती है. जिसके बाद करीब 2 किलोमीटर की दौड़ लगाकर लंबी कूद, ऊंची कूद, गोला फेंक व रस्सी कूद जैसी शारीरिक अभ्यास करती है. वर्दी पहनने का सपना आंखों में लिए, वे कठोर परिश्रम कर रही हैं और अपनी शारीरिक और मानसिक क्षमताओं को मजबूत कर रही हैं. युवतियों को अनुशासन के साथ प्रशिक्षण करना दर्शाता है कि अब वें भी विभिन्न क्षेत्र में युवकों के मुकाबले अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने को तैयार हैं.
–2018 के मुकाबले 2025 में शारीरिक अभ्यास में युवक-युवतियों की समानता
कॉलेज मैदान में पांच दशक से युवक आर्मी और पुलिस बल में प्रवेश के लिए शारीरिक तैयारी करते रहे हैं. वहीं युवतियों का शारीरिक अभ्यास 2018 के बाद शुरू हुआ. वर्तमान में करीब 400 बच्चे प्रतिदिन अभ्यास करने पहुंचते हैं, जिनमें 50 फ़ीसदी युवतियां है. ट्रेनिंग कर रही युवती ज्योति कुमारी, अनीशा यादव व सोनी सिंह ने बताया कि सामाजिक क्षेत्र में लड़कियों की भागीदारी बढ़ने से ही लोगों की मानसिकता बदलेगी. डिफेंस में काम करने के लिए मानसिक रूप से मजबूत होना भी जरूरी है. मानसिक तैयारी के लिए सामान्य ज्ञान, कानून और अपराध से संबंधित विषयों का अध्ययन करती हैं. वहीं ट्रेनर राजकपूर व अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि शनिवार की रात व रविवार की सुबह जोरदार बारिश हुई, लेकिन बारिश भी युवतियों के कदम नहीं रोक पाई. यह दिखाता है कि युवतियां केवल शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत नहीं बन रही हैं, बल्कि वे समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी दृढ़ संकल्पित हैं.
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