— बीडीओ, बीपीआरओ व पीएचइडी आपसी समन्वय के साथ करे कार्य : डीएम
डुमरा.
जिले में माॅनसून की अत्यधिक कमी के कारण उत्पन्न जल संकट की स्थिति को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया हैं. डीएम रिची पांडेय ने शनिवार को अधिकारियों के साथ समाहरणालय में उच्चस्तरीय बैठक की. डीएम ने कहा कि बारिश के अभाव में भू-जल स्तर में आयी गिरावट के कारण कई पंचायतों में पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. ऐसे में सभी संबंधित विभागों एवं अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है. उन्होंने सभी बीडीओ, बीपीआरओ व पीएचइडी के अभियंताओं को निर्देश दिया कि जल संकट से प्रभावित पंचायतों में प्राथमिकता के आधार पर कार्य करते हुए उसमें तेजी लायी जाये. विशेषकर मनरेगा अंतर्गत सभी कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि पंचायत स्तर पर चापाकलों के किनारे सोख्ता निर्माण की योजना को शीघ्र क्रियान्वित करायें. वहीं, पुराने कुंओं का जीर्णोद्धार भी कराना सुनिश्चित करें.— बंद योजनाओं को शीघ्र करायें क्रियान्वित
बैठक में नल-जल योजनाओं की प्रखंडवार समीक्षा करते हुए डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जो योजनाएं किसी कारणवश बंद हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से चालू किया जाए. साथ ही संवेदकों को कार्य में तेजी लाने एवं समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित करने को कहा गया. वहीं, कृषि अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे अपने स्तर से कृषि सलाहकारों के माध्यम से किसानों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करें. किसानों को बताया जाए कि आवश्यकता अनुसार ही जल का उपयोग करें. — जुलाई माह में औसत से काफी कम हुई बारिशडीएम ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार अगले दो से तीन दिनों में अच्छी वर्षा की संभावना है, जिससे जल स्तर में सुधार की अपेक्षा है. सांख्यिकी विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार जून माह में जिले में औसत वर्षा की तुलना में 83 फीसदी की कमी रही. वहीं, जुलाई में अब तक औसत से 98 फीसदी कम वर्षा दर्ज की गयी है. यह बेहद चिंताजनक स्थिति है, जिसे देखते हुए जल प्रबंधन को लेकर सतर्कता आवश्यक है. (बॉक्स के लिए)– संभावित बाढ़ को लेकर सभी विभागों को किया गया अलर्ट, दो से तीन दिनों में अच्छी बारिश की उम्मीदडुमरा. संभावित बाढ़ को लेकर डीएम रिची पांडेय ने समाहरणालय में बैठक कर आपदा प्रबंधन के गाइडलाइन के अनुरूप अधिकारियों को सभी तैयारियों के साथ अलर्ट रहने का निर्देश दिया. उन्होंने बाढ़ पूर्व तैयारी में किसी प्रकार की कोताही न बरतने का निर्देश दिया है. बैठक में अंचलवार निजी नावों के साथ एग्रीमेंट की समीक्षा की गयी एवं निर्देश दिया गया कि सभी अंचल अधिकारी इस कार्य को गति दें. बताया गया की 35 निजी नाव हैं, जिसके साथ इकरारनामा किया गया है. सरकारी नाव की उपलब्धता की स्थिति से अवगत हुआ गया. इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति व जनजाति, निराश्रितों, दिव्यांगों, बीमार व्यक्तियों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं की सूची विशेष रूप से तैयार करने का निर्देश दिया गया. डीएम ने कहा कि तटबंधों का निरीक्षण कर उनकी मरम्मती हर-हाल में कर ली जाए. सभी अंचल अधिकारियों एवं तकनीकी विभागों के पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सभी संवेदनशील स्थलों पर सतत निगरानी रखें व लगातार मॉनिटरिंग करें. उन्होंने बागमती प्रमंडल सीतामढ़ी व रुन्नीसैदपुर के अभियंताओं एवं जल निस्सरण विभाग के अभियंताओं से अब तक की गई तैयारीयों की जानकारी प्राप्त की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है