सीतामढ़ी. सदर अस्पताल के जीएनएम आशीष शर्मा द्वारा आत्महत्या करने के मामले की जांच द्वि-सदस्यीय समिति ने पूरी कर ली है. रिपोर्ट से सदर अस्पताल की पूर्व उपाधीक्षक डॉ सुधा झा बुरी तरह फंसती नजर आ रही है. उनके खिलाफ लगाए गए विभिन्न आरोपों की पुष्टि होने की बातें कही गई है. जांच रिपोर्ट के आलोक में स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव उपेन्द्र राम ने डॉ झा से विभिन्न बिंदुओं/आरोपों पर उनका जवाब मांगा है. निर्धारित अवधि के अंदर जवाब नहीं देने पर विभाग के द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी.
डीएम ने गठित की थी जांच टीम
गौरतलब है कि 15 मई 25 को सदर अस्पताल के जीएनएम आशीष शर्मा किराए के मकान में खुदकुशी कर ली थी. इस घटना से आक्रोशित कर्मियों ने सदर अस्पताल में काफी बवाल किया था. तब डीएम रिची पांडेय खुद अस्पताल पहुंच कर घटना की जानकारी ली थी. घटना के विरोध में सदर अस्पताल के कर्मी हड़ताल पर चले गए थे. हालांकि डीएम की पहल पर और समुचित कार्रवाई के आश्वासन के बाद कर्मियों ने हड़ताल समाप्त कर ली थी. डीएम पांडेय पूरे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की थी. उक्त टीम की रिपोर्ट डीएम द्वारा स्वास्थ्य विभाग को भेजी गई थी, जिसके आलोक में डॉ झा से जवाब मांगा गया है.
डॉ झा पर अवैध वसूली समेत चार आरोप
जांच रिपोर्ट में टीम द्वारा जीएनएम आशीष शर्मा को बेवजह बार-बार प्रतिनियुक्ति कर प्रताड़ित किए जाने व आईसीयू में मरीज को भर्ती करने के लिए अनैतिक दबाव डालने जैसे डॉ झा पर लगे आरोपों की पुष्टि की गई है. इसके अलावा डॉ झा पर सेवा सम्पुष्टि, मातृत्व अवकाश एवं शिशु देखभाल अवकाश के आवदेन को अग्रसारित करने के लिए 15 हजार रूपये की अवैध राशि की मांग करने के लिए दोषी करार दिया गया है. उनपर अपने अधीनस्थ कर्मियों से अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप लगाया गया है. यानी डॉ झा को उक्त चार आरोपों का जवाब विभाग को देना है. विभाग ने डॉ झा से एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है कि उक्त आरोपों में क्यों नहीं अनुशासनिक कार्रवाई की जाये. समय पर स्पष्टीकरण नहीं देने पर कार्रवाई प्रारंभ करने की चेतावनी दी गई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है