सीतामढ़ी. लक्ष्य के साथ किसी भी क्षेत्र में काम करने से सफलता जरूर मिलती है. साथ ही ऐसे में लक्ष्य को पूरा करने में आर्थिक समेत अन्य कठिनाइयां भी दूर होती जाती है. यानी सफलता के रास्ते में पड़े रोड़े खुद ब खुद हटते जाते है. यह बात मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा में जिला स्तर पर थर्ड टॉपर बनी जूही कुमारी पर सटीक बैठती है. वह किसान की बेटियां है. उसने जो सोचा था, वह पूरा कर दिखाया है. उसकी उक्त उपलब्धि यह साबित करती है कि ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र कही भी रहकर पूरी लगन से पढ़ाई करने पर ही कामयाबी मिलती है. सुबोध कुमार व तेतरी देवी की पुत्री जूही तीन बहन व एक भाई में तीसरे स्थान पर है. भाई प्रिंस कुमार इंटर में पढ़ता है. वह कक्षा छह से ही उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय, इंदरवा- प्रथम में पढ़ी है. तब यह विद्यालय मिडिल स्कूल हुआ करता था. जूही को 478 अंक प्राप्त हुए है. उसकी ख्वाहिश डॉक्टर बनने की है जूही ने बताया कि प्रधान शिक्षक भिखारी महतो का उचित मार्गदर्शन व माता-पिता से मिले अपेक्षित सहयोग से ही उसे यह सफलता मिल सकी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है