डुमरा. मॉनसून की बेरुखी से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. किसानों को एक ओर खेत में लगे धान का बिचड़ा बचाने तो दूसरी ओर रोपनी के लिए बारिश का इंतजार है. कई किसानों ने पंपसेट के सहारे धान की रोपनी कर रहे हैं. साथ ही खेतों में लगातार सिंचाई कर बिचड़ा को भी बचा भी रहे हैं. किसानों की माने तो शीघ्र ही यदि बारिश नहीं हुई तो धान उत्पादन प्रभावित होगा. साथ ही किसानों को भी भारी नुकसान होगा. कृषि विभाग के अनुसार, जिले में जुलाई माह में अबतक महज 23 फीसदी ही धान की रोपनी हुई है. बताया गया हैं कि इस वर्ष धान आच्छादन का लक्ष्य एक लाख 84 हजार 416 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है.
जिले में सामान्य से काफी कम हुई बारिश
जिले में जून माह में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. जुलाई माह में भी अबतक 1.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड किया गया है, जो सामान्य से 96 फीसदी कम है. सांख्यिकी विभाग के अनुसार, जून माह में सामान्य वर्षापात 190.8 एमएम के विरुद्ध महज 32.8 एमएम बारिश हुई जो सामान्य से 83 फीसदी कम है. इसी तरह जुलाई माह में सामान्य वर्षापात 49.6 एमएम के विरुद्ध 1.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुआ है. बताया गया है कि गुरुवार को जिले में कुछ प्रखंडों में वर्षा रिकॉर्ड किया गया है. जिसमें बाजपट्टी में 2.8 एमएम, चोरौत में 2.4 एमएम एवं डुमरा में 1.2 एमएम बारिश हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है