सीतामढ़ी. शहर स्थित गोयनका कॉलेज परिसर में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय महाशिवपुराण यज्ञ के प्रथम दिन बुधवार को पंजाब से चलकर माता सीता जन्मभूमि पर पहुंची कथा व्यास सुमनांजली जोशी ने नमः शिवाय मंत्र जाप से कथा का शुभारंभ की. इससे पूर्व यजमान मोहन गुप्ता सपत्नीक व्यास पूजन किए. देवाधिदेव महादेव व गणेश वंदना के साथ कथावाचिका ने कहा कि माता सीता की ऊर्जा चेतना लाखों वर्ष बाद भी विद्यमान है. पराशक्ति के आशीर्वाद और देवता की कृपा से ही उन्हें यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है. अहमदाबाद विमान हादसा में मृत आत्मा की शांति हेतु सार्वजनिक प्रार्थना की गई. उन्होंने कहा कि हम प्रतिदिन 21 हजार 600 बार श्वास लेते है, इसमें से कितनी बार प्रभु की भक्ति करते हैं, इस विचार करने की जरूरत है. अपने चित, मन, विचार, सोच व बुद्धि वहां लगाओ जो तुम्हारी तकदीर को बदलने का सामर्थ्य रखते हैं. ऐसे सामर्थ्य वाले सिर्फ देवो के देव महादेव ही हो सकते हैं. भगवान शिव का शरणागत संसार रूपी इस सागर में कभी डूबता नहीं है. कुबेर की भक्ति हो ऐसा प्रयास करें तभी शिव मिलेंगे. शिव एहसास है, उनका स्मरण करते हुए जीवन का आनंद प्राप्त लेना चाहिए. शिव की आराधना करने वालों का काल कुछ नहीं बिगाड़ सकता, क्योंकि शिव महाकाल हैं. भजन टोली में शामिल सदन कुमार साजन, उत्कर्ष श्रीवास्तव, आयुष राज, आदित्य वर्मा के सुबह सुबह ले शिव का नाम, करले वंदे यह शुभ काम व ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय आदि भजन पर मौजूद श्रद्धालु झूम उठे. कथा संयोजक संत महात्मा सतीश ने बताया कि प्रतिदिन सुबह पांच बजे से छह बजे तक स्वामी हरिशानंद जी के सान्निध्य में योगा सिखाया जाएगा. वहीं, बारह रुद्राभिषेक सुबह सात बजे से बारह यजमान द्वारा किया जाएगा. मौके पर स्वामी घनश्यामांनंद, यज्ञाचार्य जय शंकर चौबे, स्वामी हरिशानंद, सह संयोजक सुरेश कुमार, डॉ रेणु चटर्जी, छोटू कुमार, दीपक कुमार, आग्नेय कुमार, पंकज झा, नंदलाल ठाकुर, बहन वंदना समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे.
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